एक घंटे की बरसात में जिला अस्पताल बन जाता है 'तालाब'
जागरण संवाददाता महोबा बरसात के मौसम में अगर आप जिला अस्पताल में जाकर इलाज कराने की सोच
जागरण संवाददाता, महोबा : बरसात के मौसम में अगर आप जिला अस्पताल में जाकर इलाज कराने की सोच रहे हैं तो सावधान होकर जाएं। क्योंकि, अगर एक घंटे तेज बरसात हो गई तो नालों व नालियों का पानी जिला अस्पताल के परिसर में घुटनों तक भर जाता है। यहां समस्या कोई आज की नहीं हैं, वर्षो से चली रही है, लेकिन यहां तैनात स्वास्थ्य अफसरों समेत अन्य अधिकारी जिला अस्पताल को बरसात में तालाब बनने से नहीं रोक पाते हैं। सबसे ज्यादा परेशानी इमरजेंसी वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों को होती है। क्योंकि, उन्हें मजबूरी में बदबूदार पानी के बीच दिन-रात काटनी पड़ती है।
जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब 15 सौ पर्चे बनते हैं। एक मरीज के साथ कम से कम दो तीमारदार भी आते हैं। इस समय कोरोना संक्रमण के कारण हालात और भी विकट हैं। इमरजेंसी के साथ अन्य वार्डों में भी भीड़ पूरा दिन बनी ही रहती है। बरसात के दिनों में जिला अस्पताल की स्थिति और नरकीय हो जाती है। ऐसे में बारिश के दिनों में तो यहां मरीज इलाज कराने आने में कतराते हैं। अधिकांश झांसी, छतरपुर चले जाते हैं। खराब होती हैं लाखों की मशीनें
जिला अस्पताल परिसर और सड़क का लेबल बराबर होने से बरसात का पानी नालियों से होते हुए परिसर में घुस जाता है। इससे मरीजों को तो दिक्कत होती ही है, साथ में अस्पताल में रखी मशीनों पर भी खराब होने का खतरा बना रहता है। इसके बाद भी स्वास्थ्य अधिकारी गैर जिम्मेदार के रवैए में नजर आते हैं। सुबह पानी, शाम को कीचड़ ने किया परेशान
महोबा सदर निवासी जयकिशन भाई का इलाज कराने आए हैं, कहते हैं यहां आने वाले मरीजों को इलाज से फायदा मिलने के स्थान पर संक्रमण का खतरा रहता है। मंगलवार को यहां के इमरजेंसी वार्ड में पानी भर गया था। सड़क और नाले का पानी अंदर आ जाने से बुधवार को परिसर के अंदर कीचड़ शाम तक भरा रहा। बारिश के पानी की निकासी यदि हो जाए तो अस्पताल परिसर में पानी नहीं भरेगा, लेकिन परिसर नीचा होने से सारा पानी अंदर तक आ जाता है। अफसरों को अस्पताल परिसर को ऊंचा कराने को लेकर पत्र भेजा जा चुका है।
डॉ. आरपी मिश्रा, सीएमएस, जिला अस्पताल।