नौकरी से सेवानिवृत्त हुईं तो समाजसेवा की पकड़ी राह
संवाद सहयोगी चरखारी (महोबा) एएनएम हेमा सिंह सेंगर सेवानिवृत्ति के बाद भी जनसेवा कर रही
संवाद सहयोगी, चरखारी (महोबा): एएनएम हेमा सिंह सेंगर सेवानिवृत्ति के बाद भी जनसेवा कर रही हैं। इस बीच वह घर का कामकाज भी बखूबी संभालती हैं और उसके बाद का सारा समय समाज की सेवा के लिए दे रही हैं। वह कहती हैं कि उन्हें इस तरह का काम करना मन को सुकून देने वाला होता है।
हेमा का जन्म चरखारी के बिहारी गांव में हुआ। उनका विवाह 1979 में चरखारी के शिक्षक विजय सिंह सेंगर के साथ हुआ था। इनकी एएनएम पद पर तैनाती 1985 में गांव बम्हरारा में हुई थी। बाद में सन 2000 में चरखारी स्वास्थ्य केंद्र में सुपरवाइजर पद पर आ गईं थीं। यहां से वह 2019 में सेवानिवृत्त हो गईं। इसके बाद वह समाज की सेवा में योगदान देने लगीं। जब भी किसी प्रसूता को मदद होती है तो वह दिन रात नहीं देखतीं, बुलावे पर तुरंत हाजिर हो जाती हैं। इस समय वह सुबह आठ बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक मौजूद रहती हैं। इसका वह कोई मेहनताना भी नहीं ले रही हैं। इन सारी समाज की सेवा के बीच वह घर का कामकाज भी बखूबी संभालती हैं। उनके दो पुत्र हैं। वह मौजूदा समय में मिशन शक्ति के तहत महिलाओं को घर-घर जाकर हेल्प लाइन की जानकारी दे रही हैं। महिला सशक्तीकरण को लेकर महिलाओं को जोड़ कर अन्य सामाजिक गतिविधियां जैसे, पेंशन योजना का लाभ, महिलाओं के समूहों की जानकारी, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर क्या सतर्कता बरतें, आदि की वह जानकारी देती रहती हैं। हेमा सिंह सेंगर कहती हैं कि जब तक यह शरीर काम करता रहे, व्यक्ति को समाज के लिए अपना योगदान देते रहना चाहिए।