आवास मिले फिर भी नहीं छोड़ी झुग्गी-झोपड़ियां
जागरण संवाददाता, महोबा : सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार
जागरण संवाददाता, महोबा : सड़क किनारे झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार आवास उपलब्ध करा रही है, लेकिन ये अपने अस्थायी आवास छोड़ने को तैयार नहीं हैं। सरकारी आवास को किराए पर उठाकर ये सड़क पर ही डेरा जमाए हैं। इनका कहना है कि अगर आवास के साथ काम मिलेगा तो ही वे यहां से जाएंगे। नहीं तो उनका जमा-जमाया कारोबार तबाह हो जाएगा।
मुख्यालय में सदर कोतवाली के पास सड़क पर झोपड़ी बनाकर रह रहे घूमंतू परिवार पत्थर तोड़कर सिल व चकिया बनाने का काम करते हैं। यही उनकी आमदनी का जरिया है। यहां रहने वाले रामस्वरूप, कमलादेवी, बाबूलाल, बंटा बताते हैं कि कांशीराम आवास योजना के तहत उन्हें रहने के लिए घर तो मिल गया, लेकिन वे वहां जाएंगे तो काम क्या करेंगे। सालों से यहां काम कर रहे हैं। यहीं दो जून की रोटी का इंतजाम हो जाता है। उनकी तरह तकरीबन तीन दर्जन परिवार यहां रह रहे हैं।
सालों से किए हैं अवैध कब्जा
जिले का मुख्य मार्ग ही नहीं बल्कि अन्य स्थानों का भी यही हाल है। घुमंतू जाति के लोग कई सालों से फुटपाथों पर डेरा जमाए हैं। इससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अधिकारियों को इतनी फुरसत नहीं है कि वे इन लोगों को यहां से उनके आवास पर पहुंचाएं। घुमंतू जाति के लोगों को योजना के तहत आवास दिए गए हैं। यह क्यों नहीं जा रहे इसकी जांच कराना और इन्हें आवासों में स्थानांतरित कराने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है।
- अबरार अहमद, एपीओ डूडा अभी तक पालिका की ओर से कोई नोटिस नहीं दिया गया है। इनका आवासीय पट्टा हुआ है तो जल्द ही अभियान चलाकर अवैध कब्जा हटवाया जाएगा।
- लालचंद्र सरोज, अधिशाषी अधिकारी पालिका।