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जियो टैगिंग का भय, निजी नर्सरी से खरीद रहे महंगे पौधे

जागरण संवाददाता, महोबा : पौधरोपण के नाम पर खेल करने वाले अफसरों का चैन जियो टैगिंग ने छीन ि

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Sep 2018 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 21 Sep 2018 11:14 PM (IST)
जियो टैगिंग का भय, निजी नर्सरी से खरीद रहे महंगे पौधे
जियो टैगिंग का भय, निजी नर्सरी से खरीद रहे महंगे पौधे

जागरण संवाददाता, महोबा : पौधरोपण के नाम पर खेल करने वाले अफसरों का चैन जियो टैगिंग ने छीन लिया है। कम पौधे लगाने के बाद अब फंसने के डर से निजी नर्सरियों से पौधे खरीद कर लगवा रहे हैं। नर्सरियां भी इसका भरपूर फायदा उठा रही हैं और कई गुना ज्यादा कीमत पर पौधे बेच रही हैं।

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प्रदेश में 9 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य पूरा करने में महोबा को भी 15 लाख पौधरोपण का लक्ष्य दिया गया था। इसके लिए अलग अलग विभागों को लक्ष्य आवंटित किया गया। पनवाड़ी विकासखंड की सभी 64 ग्राम पंचायतों में बीडीओ को 42,000 पौधे लगवाने थे। इसके लिए वन रेंज छतेसर नर्सरी से पंचायतों में 39,200 पौधों का रोपण हुआ। छतेसर नर्सरी से 5 से 10 रुपये की कीमत पौधे मिले थे। लक्ष्य से 2800 पौधे कम लगाए गए। इसके साथ ही कई पौधे सूखकर नष्ट हो गए। अब जियो टैगिंग में फंसने का अंदेशा सताया तो अधिकारियों ने पौधों का जुगाड़ करना शुरू किया। इस पर कालपी की एक निजी नर्सरी ने पौधों के नाम पर खेल शुरू कर दिया। पनवाड़ी सहित कुछ विकास खंड के ग्राम पंचायत सचिवों पर पौधे खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। अमरूद, नीबू, कटहल, शरीफा, आंवला और अनार पांच किस्म के पौधे 70 से सौ रुपये प्रति पौध की दर से बेचे जा रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीणों की मदद से पौधरोपण कराया जा रहा है।

चल रहा है मौखिक खेल

एक प्रशासनिक अधिकारी से मौखिक कहलाकर पंचायत सचिवों से आपूर्ति का आर्डर लेकर पौधों की सप्लाई दी जा रही। प्रत्येक ग्रामसभा में औसत चार से पांच सौ पौधे देकर हर ग्रामीण से लगवाने को कहा जा रहा है।

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''एक ही पौध को कई विभागों ने अपनी तरफ से रोपित दिखा दिया है। अब हो रही जियो टै¨गग में इसका खुलासा और कार्रवाई का भय है। इसीलिए पंचायत सचिव पौधों का इंतजाम कर लगवा रहे हैं।

-सप्लायर निजी नर्सरी कालपी

''निजी नर्सरी से पौध सप्लाई के लिए उच्चाधिकारियों का कोई लिखित आदेश नहीं मिला है, इसलिए विकास खंड से भी आदेश नहीं दिए गए हैं।

- महिला विद्यार्थी, बीडीओ पनवाड़ी

''जनपद में पौधरोपण का लक्ष्य पूरा हो गया है। इसके बाद भी कोई लगाता है तो यह ऐसा काम है कि उसे रोका नहीं जा सकता है। पंचायत निधि से यदि निजी नर्सरी को भुगतान होगा को पंचायत सचिव पर कार्रवाई की जाएगी। -हीरा ¨सह, मुख्य विकास अधिकारी


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