खेत सूखे, किसानों की आंखें नम
जागरण संवाददाता, महोबा: जनपद में औसत से काफी कम हुई बारिश से अब रबी की फसल में भी किसा
जागरण संवाददाता, महोबा: जनपद में औसत से काफी कम हुई बारिश से अब रबी की फसल में भी किसानों के हौसले पस्त हैं। सिंचाई के स्त्रोत भी जवाब दे रहे हैं। गर्मी में किल्लत की आशंका को देखते हुए तालाबों से सिंचाई के लिए पानी देने पर रोक है। हाल यह है कि गेहूं जैसी कम पानी की फसल की सिंचाई में किसानों को ठंड में पसीने आ रहे हैं। किसानों अपने खेत खाली छोड़ दिये हैं।
जनपद में ¨सचित क्षेत्र बहुत कम होने से किसान पूरी तरह बरसात पर आश्रित हैं। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि कम बरसात होने से खेतों का बड़ा क्षेत्रफल खाली पड़ा है। वैकल्पिक तौर पर तालाबों के पानी को ¨सचाई के लिए दिया जाता है पर इस बार गर्मी में पेयजल की किल्लत की आशंका को देखते हुए ¨सचाई के लिए छोड़े जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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फसल पर अन्ना का कहर
जिन किसानों ने अपनी निजी लागत से किसी तरह फसल को बचाने में लगे हैं। उनके लिए अन्ना जानवर मुसीबत बने हुए हैं। लगातार मांग के बाद भी शासन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। क्या कहते हैं आंकड़े
खरीफ की फसल (हेक्टेयर में)
वर्ष लक्ष्य आच्छादन
2016 138736 138777
2017 97280 122712
2018 124604 126617
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रबी की फसल (हेक्टेयर में)
वर्ष लक्ष्य आच्छादन
2016-17 98054 234727
2017-18 198788 84870
2018-19 174241 73657
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वर्षा की स्थिति (जनपद की औसत वर्षा 900 मिलीमीटर)
वर्ष वर्षा (मिली मीटर)
2016-17 1112.83
2017-18 500.23
2018-19 590.26
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किसानों को आर्थिक नुकसान से बचने के लिए फसल बीमा कराने की अपील की गई है। पानी की कमी के कारण तालाबों से नहरों में भी पानी नहीं पहुंच रहा है। बीमा राशि के भुगतान से कुछ राहत जरूर मिलेगी।
जी राम, उप कृषि निदेशक
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