महोबा से उठी अलग राज्य की मांग पूरे बुंदेलखंड में फैली
जागरण संवाददाता, महोबा : पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग जो 78 दिन पहले आल्हा चौक से उठी थी,
जागरण संवाददाता, महोबा : पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग जो 78 दिन पहले आल्हा चौक से उठी थी, धीरे-धीरे बुंदेलखंड में फैल रही है। रक्षाबंधन पर राखियों के माध्यम से महिलाओं को जोड़ा गया फिर धरना-प्रदर्शन और अनशन का क्रम बढ़ता जा रहा है। आंदोलनकारियों ने झांसी व जालौन में 17 सितंबर से अनशन शुरू होने की बात कही।
गरीबी, बीमारी और पिछड़ेपन से छटपटा रहे बुंदेलखंड को अलग राज्य का दर्जा की मांग को लेकर आल्हा चौक पर 28 जून से अनिश्चितकालीन अनशन शुरू हुआ था। वह 78 दिन बाद भी जारी है। अनशन की अगुवाई कर रहे बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने बताया कि आंदोलन के प्रति सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए 12 अगस्त को अनशन स्थल पर लगभग 250 लोगों ने एक साथ सामूहिक मुंडन करवाया था। रक्षाबंधन में पूरे बुंदेलखंड से करीब 50 हजार माताओं-बहनों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास राखियां भेजीं और पृथक बुंदेलखंड की मांग की। उनको ये भी याद दिलाया कि भाजपा छोटे राज्यों की पक्षधर है तो फिर बुंदेलखंड देने में परेशानी क्या ? सरकार की चुप्पी नहीं टूटी तो हमीरपुर के कुछ युवाओं ने प्रधानमंत्री को खून से खत लिख डाले और अनशन शुरू कर दिया। अलग राज्य की मांग के समर्थन में 34 संगठनों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपे। बुंदेलखंड की सबसे बड़ी पत्थर मंडी कबरई व बांदा जिला मुख्यालय में 11 सितम्बर से अनशन शुरू हो गया। 12 सितम्बर को चरखारी में समाजसेवी अनशन पर बैठे। राठ में 16 सितम्बर, झांसी और जालौन में बुंदेले 17 सितम्बर से सत्याग्रह शुरू कर रहे है। तारा पाटकर ने कहा कि पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए अब किसानों ने भी हुंकार भर दी है और 20 सितंबर को बुंदेलखंड किसान यूनियन बांदा कमिश्नरी मुख्यालय में विशाल प्रदर्शन व चक्का जाम करेंगे।