कैंसर से लड़ रहे वृद्ध ने आखिरकार मानी हार और खुद को गोली मारकर दी जान
कैंसर से लड़ रहे वृद्ध ने आखिरकार हार मान ली और लाइसेंसी बंदूक से गोली मार खुदकशी कर ली। महोबा की श्रीनगर पुलिस को उसकी जेब से सुसाइड नोट मिला।
By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 16 Jan 2018 06:14 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jan 2018 06:14 PM (IST)
महोबा (जेएनएन)। चार वर्ष से कैंसर से लड़ रहे वृद्ध ने आखिरकार हार मान ली और लाइसेंसी बंदूक से गोली मारकर खुदकशी कर ली। श्रीनगर पुलिस को वृद्ध की जेब से सुसाइड नोट मिला। जिसमें उसने पोस्टमार्टम न कराने व परिवार के सदस्यों को पुलिस से परेशान न करने को कहा। बसौरा गांव के 60 वर्षीय राजेंद्र कुमार द्विवेदी को चार वर्ष पूर्व मुंह में फोड़ा हो गया था। पहले उसका महोबा में इलाज कराया। यहां कोई फायदा न मिलता देख वह ग्वालियर गए। वहां जांच में उन्हें कैंसर होने की जानकारी मिली। वहां एक माह तक इलाज के लिए भर्ती रहे। वहां से वह फायदा मिलने पर घर चले आए। यहां कुछ माह बाद उन्हें फिर परेशानी हुई तो किसी ने सलाह दी कि मुंबई में दिखाओ। तीन वर्ष पूर्व उसने मुंबई में कैंसर का आपरेशन कराया था। उसके बाद वह घर चले आए। उन्हें आराम भी मिला लेकिन इधर चार माह से परेशानी बढ़ गई थी। खाना भी नहीं खा पा रहे थे। उन्हें केवल दूध और जूस ही दिया जा रहा था। वृद्ध ने आत्महत्या से पूर्व सुसाइड नोट में लिखा भी है कि उसे असहनीय दर्द है। सोमवार को उसने कमरे में अपनी लाइसेंसी एक नाली बंदूक से खुद को गोली मार ली। आवाज सुनकर परिवार के सदस्य और मोहल्ले वाले कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे तो वृद्ध खून से लथपथ पड़े थे और जान जा चुकी थी। वृद्ध के पुत्र सुनील ने इस घटना की जानकारी तथा तहरीर पुलिस को दी है। वृद्ध के परिवार को भरण-पोषण खेती के माध्यम से होता है। उसका इकलौता लड़का भी पूरे परिवार के साथ खेती-बाड़ी करता है। पुलिस का कहना है कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें