जागरूक होकर करें वर्षा जल का संरक्षण
जागरण संवददाता, महोबा: सुरक्षित पानी जीवन का मूल आधार है तथा धरती पर हर प्राणी की मूल आ
जागरण संवददाता, महोबा: सुरक्षित पानी जीवन का मूल आधार है तथा धरती पर हर प्राणी की मूल आवश्यकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल का मुख्य स्रोत भूमिगत जल है। वर्तमान में भूजल का अत्यधिक दोहन एवं रिचार्ज न होने के कारण जल स्तर में गिरावट एवं जल गुणवत्ता की समस्या बढ़ रही है। वर्षा का 80 फीसद जल नदी नालों में बहकर व्यर्थ हो जाता है। आवश्यकता है कि जल को व्यर्थ न होने दें तथा इसका उपयोग भूजल पुनर्भरण के लिए किया जाये।
ग्रामीण जलापूर्ति कार्यशाला में जिलाधिकारी सहदेव ने कहा कि कोई भी पेयजल योजना जल संस्थान एवं जल निगम के टेक्निकल सहयोग के बिना नहीं चलायी जा सकती। ग्रामीण क्षेत्रों में निर्वाधित एवं सुचारू शुद्व पेयजल उपलब्ध कराना ही पेयजल एवं स्वच्छता समिति का कर्तव्य है।
ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों द्वारा ही पेयजल सम्बन्धी कार्य योजनाएं बनायी एवं उनका रखरखाव किया जाता है। बड़ी पंचायतों में चतुर्थ एवं चौदहवें वित्त आयोग का 80 से 90 लाख रूपये तक धनराशि पड़ी हुयी है। इसके अलावा ग्राम प्रधान एवं सचिव को प्रत्येक परिवार से निर्धारित धनराशि वसूल कर परियोजना का प्रबन्धन एवं मरम्मत सम्बन्धी कार्य कराने हैं। उन्होनें कहा कि जनपद में अभी सिर्फ पेयजल के लिए ही पानी की उपलब्धता है। इसलिए ¨सचाई कार्य में इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। वर्ष 2019 में अर्जुन सहायक परियोजना के शुरू होने की सम्भावना है। जिसके बाद किसानों को ¨सचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आयेगी।
कार्यशाला में प्रदेश सरकार द्वारा नामित तकनीकी प्रशिक्षक दिनेश चन्द्र पाण्डे तथा सोशल प्रशिक्षक रमाशंकर त्रिपाठी ने ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल योजनाओं प्रबन्धन आदि के बारे में ग्राम प्रधान एवं पंचायत सचिवों को विस्तृत जानकारी दी। मुख्य विकास अधिकारी हीरा ¨सह, परियोजना निदेशक आरएस गौतम, जिला विकास अधिकारी डीएन पाण्डे, सूचनाधिकारी सतीश कुमार यादव सहित समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं सहायक विकास अधिकारी पंचायत मौजूद रहे।