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आंगनबाड़ी केंद्र है या फिर जानवरों का तबेला

संवाद सूत्र, (महोबा) बेलाताल : सरकार की योजनाएं केवल कागजों में ही दौड़ रही है। धरातल म

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Aug 2018 11:26 PM (IST)Updated: Thu, 23 Aug 2018 11:26 PM (IST)
आंगनबाड़ी केंद्र है या फिर जानवरों का तबेला
आंगनबाड़ी केंद्र है या फिर जानवरों का तबेला

संवाद सूत्र, (महोबा) बेलाताल : सरकार की योजनाएं केवल कागजों में ही दौड़ रही है। धरातल में इन योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पा रहा है। इसकी तस्वीर जैतपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत स्थित आंगनबाड़ी केंद्र में देखी जा सकती है। यहा गंदगी का अंबार और जानवरों के विचरण करने से लोगों को परेशानी हो रही है। लगता ही नहीं है कि यहां आंगनबाड़ी केंद्र है। लोगों ने समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया लेकिन कुछ नहीं हो सका।

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आंगनवाड़ी केंद्र मुढ़ारी जानवरों का तबेला बना हुआ है। गंदगी के अम्बार पर खड़े इस आंगनवाड़ी केंद्र को देखकर कोई भी इस बात को सहज ही समझ लेगा की यहां महज पुष्टाहार की कालाबाजारी ही हो रही है। बच्चों के फर्जी पंजीकरण दर्शाकर विभागीय योजनाओं को सीधे-सीधे पलीता लगाया जा रहा है। कागजों पर तो यहां महीने में एक बार ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस का भी आयोजन होता है। जिसमें प्रतिमाह 30-35 गर्भवती महिलाओं को पुष्टाहार वितरण होता है। लेकिन हकीकत किसी से छिपी नहीं है। इस मामले में बात करने पर बाल विकास परियोजना विभाग के सुपरवाइजर प्रमोद कुमार का कहना है कि वह क्या करें क्या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गोबर उठाएंगी। कहती है वह निरीक्षण पर जाती है और केंद्र का सत्यापन किया जाता है। वह मामले से उच्चाधिकारियों को बताने की बात कहती है। हालांकि लोग दबी जुबां से बताते है कि जब केंद्र का ताला ही नहीं खुलता तो निरीक्षण कैसे हो जाता है।


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