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घर बैठे चारों धाम, पहले इनको करो प्रणाम..

जागरण संवाददाता महोबा घर बैठे चारों धाम पहले करो इनको प्रणाम आदि मंत्र मुग्ध कर

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 05:18 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 05:18 PM (IST)
घर बैठे चारों धाम, पहले इनको करो प्रणाम..
घर बैठे चारों धाम, पहले इनको करो प्रणाम..

जागरण संवाददाता, महोबा : घर बैठे चारों धाम, पहले करो इनको प्रणाम, आदि मंत्र मुग्ध कर देने वाली कविताओं से कवियों ने समां बांध दिया। शहर के एक गेस्ट हाउस में कवि सम्मेलन का आयोजन साहित्यकार रामप्रकाश पुरवार की अध्यक्षता में किया गया।

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आयोजित काव्य गोष्ठी में अधिवक्ता प्रमोद कुमार सक्सेना ने शुरूआत की। रामप्रकाश पुरवार ने माता-पिता को चारों धाम कहते हुए घर-घर बैठे चारों धाम, पहले इनको करो प्रणाम रचना की प्रस्तुति की। साहित्यकार संतोष पटैरिया ने बांट दिया है उजियारा, सब नभ भी सूना दिखता है तो वहीं सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज के संगीताचार्य पं जगप्रसाद तिवारी ने भ्रूण हत्या पर प्रकाश डालते हुए सुन लो मोरी पुकार हो बाबुल मोखां तुम न मारो की प्रस्तुति की। कवि रामप्रकाश सोनी, पुष्पेंद्र निर्भय, माधवेंद्र, शिवशंकर आदि ने भी रचनाओं की प्रस्तुति की। इसके बाद पूर्व मंत्री शिवशंकर सिंह पटेल, को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष चक्रपाणि त्रिपाठी ने कवियों को सम्मानित किया गया। शरद तिवारी दाऊ, राजीव लोचन शुक्ला, कमलेश चौरसिया आदि मौजूद रहे।


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