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चाचा से आशीर्वाद लेकर रणभूमि में उतरते थे आल्हा-ऊदल

जागरण संवाददाता, महोबा : बुंदेली धरती के शूरवीर आल्हा ऊदल का नाम कौन नहीं जानता, लेकि

By JagranEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 11:42 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 11:42 PM (IST)
चाचा से आशीर्वाद लेकर रणभूमि में उतरते थे आल्हा-ऊदल
चाचा से आशीर्वाद लेकर रणभूमि में उतरते थे आल्हा-ऊदल

जागरण संवाददाता, महोबा : बुंदेली धरती के शूरवीर आल्हा ऊदल का नाम कौन नहीं जानता, लेकिन उनका मार्गदर्शन करने वाले चाचा ताला सैयद को शायद कम ही लोग जानते होंगे। चाचा ताला के ही सैन्य संरक्षण में ही आल्हा ऊदल ने महारथ हासिल की थी। चाचा हमेशा आल्हा ऊदल को अपनी संतान के समान मानते थे और स्नेह देते थे तो वहीं दोनों वीर उन्हें भी पिता तुल्य मानते थे। चंदेल शासनकाल में साम्प्रदायिक सौहार्द की ऐसी महक फिजाओं में बिखरी जो आज भी जीवंत है।

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सैन्य प्रशिक्षक रहे चाचा ताला सैयद की मजार आज भी कीरतसागर सरोवर तट पर बनी पहाड़ियों के ऊपर स्थित है। इतिहासकार डा. एलसी अनुरागी व तारा पाटकर बताते है कि चाचा ताला सैयद हवेली परगना जिला गोरखपुर के पास ग्राम ताली के रहने वाले थे। वह एक प्रतिभा सम्पन्न महापुरुष थे और बहुत वीर व विद्धान थे। उन्होंने महाराज बनारस के दरबार में उच्च पदों को सुशोभित किया। इसलिए आपको बनारस वाले भी कहा जाता था। बताया जाता है कि ताला सैयद किसी बात से नाराज होकर बनारस के राजा के यहां से कन्नौज के राजा के पास नौकरी करने के लिए जा रहे थे, उसी समय बिठूर के मेले में उरई के राजा माहिल के उकसाने पर क¨लग राय ने महोबा के राजा परमाल की रानी मलहना का नौलखा हार हासिल करने के लिए आक्रमण कर दिया, तब चाचा ताला सैय्यद ने बड़ी वीरता से इस आक्रमण को विफल कर रानी की रक्षा की। चाचा की वीरता व सूझबूझ को देखकर महोबा के चंदेल शासक राजा परमाल ने उन्हें अपने दरबार में सैन्य शिक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए सेना के सर्वोच्च पद पर नियुक्त कर दिया। उनके संरक्षण में महोबा के शूरवीर आल्हा-ऊदल के साथ मलखान डेबा लाखन सहित अनेकों योद्धाओं ने सैन्य शिक्षा में महारत हासिल की। वीरभूमि महोबा पर जब संकट आया आल्हा, ऊदल ने चाचा का आशीर्वाद व आदेश लेकर दुश्मनों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया और अपनी विजयी पताका फहराई। 836 साल पहले हुआ भुजरियों का युद्ध इसका जीता जागता उदाहरण है। पहाड़ी पर बनी उनकी मजार आज भी उनकी याद ताजा करती है।


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