बच्चों की लगती अग्रिम हाजिरी, वार्डेन सहित चार नदारद
उपजिलाधिकारी कुलपहाड़ ने शिक्षा की गुणवत्ता को पटरी पर लाने के लिए स्कूलों के निरीक्षण शुरू किए हैं। इसी क्रम में जैतपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के निरीक्षण में कई खामियां उजागर हुई। उपस्थित रजिस्टर में कक्षा 6 के बच्चों की अग्रिम उपस्थिति दर्ज पाई गई। इस पर एसडीएम ने मौजूद अ
संवाद सहयोगी, कुलपहाड़ (महोबा): उपजिलाधिकारी कुलपहाड़ ने शिक्षा की गुणवत्ता को पटरी पर लाने के लिए स्कूलों के निरीक्षण शुरू किए हैं। इसी क्रम में जैतपुर के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय के निरीक्षण में कई खामियां उजागर हुई। उपस्थित रजिस्टर में कक्षा 6 के बच्चों की अग्रिम उपस्थिति दर्ज पाई गई। एसडीएम ने मौजूद अध्यापिका को कड़ी फटकार लगाई। साथ ही विद्यालय से वार्डेन सहित चार लोगों अनुपस्थित मिलने पर जिलाधिकारी को आख्या प्रस्तुत करते हुए विभागीय कार्यवाही को लिखा।
उपजिलाधिकारी को निरन्तर विद्यालयों में शिक्षकों के द्वारा शिक्षण कार्य में लापरवाही किए जाने की शिकायत मिलने पर उन्होंने जैतपुर कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया। इस दौरान कक्षाओं में फर्नीचर लगा नहीं पाया गया, जबकि विद्यालय में पर्याप्त फर्नीचर उपलब्ध है। बच्चियां नीचे बने हुए दो कमरों में जमीन में बैठकर शिक्षा ग्रहण करती है। कक्षावार रजिस्टर देखे तो कक्षा 8 में 26 बच्चों में से 24 बच्चे उपस्थित व दो अनुपस्थित पाए गए। कक्षा 7 में सभी बच्चियां उपस्थित मिलीं और कक्षा 6 में 18 बच्चियों में 1 अनुपस्थित मिली और कक्षा 6 के उपस्थिति रजिस्टर में आगामी सोमवार तक की अग्रिम उपस्थिति अंकित पाई गई। जिस पर वहां मौजूद अध्यापिका को जमकर फटकार लगाई। अध्यापकों की उपस्थिति देखी तो वार्डेन शाजिया खातून, अंशकालिक शिक्षक वन्दना, लेखाकार सोनाली एवं रसोइया देवकुंवर अनुपस्थित पाई गई। सभी का उपस्थिति पंजिका रजिस्टर में सीएल लगी पाई लेकिन किसी का भी अवकाश हेतु कोई प्रार्थना पत्र नहीं पाया गया। इसके बाद उन्होंने विद्यालय के द्वारा बच्चियों को दिए जाने वाले खाने की सामग्री को देखा। जिसमें आटा, चावल, व पोहा खुला हुआ पाया गया, जबकि सभी समान ब्रांडेड व पैक बंद उपयोग में लाया जाना चाहिए। जिस पर भी फटकार लगाई। वार्डेन साजदा खातून की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वह अपने कार्य के प्रति उदासीनता बरती जा रही हैं। जिसके खिलाफ जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी को कड़ी कार्यवाही के लिए पत्र लिखकर अवगत कराते हुए आख्या प्रस्तुत की गई है।