बस स्टैंड पर लगता अराजकतत्वों का जमावड़ा
जागरण संवाददाता, महोबा : वैसे तो दिन भर शहर के रोडवेज डिपो परिसर में यात्रियों की भीड़
जागरण संवाददाता, महोबा : वैसे तो दिन भर शहर के रोडवेज डिपो परिसर में यात्रियों की भीड़ लगी रहती है। लेकिन शाम होते ही यह और गुलजार होता है लेकिन यह बढ़ी भीड़ यात्रियों की नहीं बल्कि अराजकतत्वों की होती है। बस स्टैंड शाम ढलते ही बेवजह से लोगों के जमावड़े का अड्डा बनता जा रहा है। प्रतीक्षालय व गेट के बाहर सड़क पर भीड़ लगाने से यात्रियों की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिस ने कई बार वहां अतिक्रमण कर रहे ठेलिया खोमचे वालों को भगाया और लोगों पर भी सख्ती दिखाई, लेकिन इसके बाद भी लगाम नहीं लग पा रही है। एक दो दिन तो सब सही होता है फिर से यहां अराजकतत्वों की भीड़ जुटने लगती है।
बीते साल सपा शासनकाल में शहर के बस अड्डे को आधुनिक किया गया। परिसर बड़ा करने के साथ बैठने के लिए बेंचे भी बनीं। सुबह से देर रात तक सैकड़ों यात्रियों का जमावड़ा रहता है और महिला यात्रियों की संख्या पर्याप्त रहती है। शाम ढलते ही रोडवेज परिसर व प्रतीक्षालय में अड्ेबाज तफरी के लिए अपना डेरा जमा लेते है। बेवजह छीटाकशी यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। इसके साथ ही जाम छलकाने वाले भी यहां पहुंचते हैं। इसके चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
पूर्व में हुई कुछ प्रमुख घटनाएं
तीन माह पूर्व बांदा जाने के लिए बस स्टैंड पहुंची महिला का एक बैग गायब हो गया। महिला ने इधर उधर बताने के साथ रोडवेज पूछताछ में शिकायत की। कुछ हासिल न होते देख मायूस हो बस पकड़ कर चली गई।
- करीब चार माह पूर्व ससुर के साथ घर जा रही महिला बस स्टैंड पर उतरी, ससुर कुछ सामान लेने दुकानों की तरफ गए इतनी देर में महिला लापता हो गई। ससुर तलाश करते थाने तक गये पर कुछ न हो सका।
-कुछ दिन पहले पहले हमीरपुर जाने लिए प्रतीक्षालय में बैठे एक परिवार की युवती पर कुछ मनचलों ने फब्तियां कर दीं। युवती व परिवारीजनों के विरोध करते ही मनचले अपनी बाइकों से फरार हो गए। परिवार अपने गंतव्य की तरफ रवाना हो गया।
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शाम के समय स्थायी पिकेट ड्यूटी की मांग कर बेवजह आने वालों पर रोक लगवाई जाएगी। जिससे यात्रियों को किसी तरह की कोई समस्या न हो।
- आरएस चौधरी, एआरएम रोडवेज
रात्रि गश्त पर रोडवेज में बेवजह खड़े लोगों को हिदायत देकर कार्रवाई की जाती है। समय-समय पर गश्ती की जाती है।
- अमित भड़ाना, एसएचओ।