40 लाख के लिए रुका था काम, अब चार करोड़ रुपये की दरकार
नगर पालिका महराजगंज के बीचो-बीच बहने वाला बलिया नाला शहर को दो हिस्सों में बांटता है। पूरे शहर में मात्र एक पुल है जो गोरखपुर मार्ग के नाम से जाना जाता है। शहर में जाम न लगे इसके लिए वर्ष 2006 में नाला पर एक अन्य पुल बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 83 लाख रुपये का डीपीआर बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा था।
महराजगंज : शहर के बलिया नाला पर सुभाष नगर और पड़री वार्ड को जोड़ने के लिए 13 वर्ष पूर्व महंगाई में बजट की मांग पर रुका पुल का निर्माण अबतक पूरा नहीं हो सका है। तब सरकार से पुनरीक्षित लागत में 40 लाख रुपये नहीं बढ़ाए गए और अब उसी पुल के निर्माण को पूरा करने के लिए चार करोड़ रुपये की दरकार है। स्थानीय नागरिकों की लाख शिकायतों के बावजूद भी न तो जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान दिया और न जनप्रतिनिधियों ने।
नगर पालिका महराजगंज के बीचो-बीच बहने वाला बलिया नाला शहर को दो हिस्सों में बांटता है। पूरे शहर में मात्र एक पुल है जो गोरखपुर मार्ग के नाम से जाना जाता है। शहर में जाम न लगे इसके लिए वर्ष 2006 में नाला पर एक अन्य पुल बनाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने 83 लाख रुपये का डीपीआर बनाकर शासन को प्रस्ताव भेजा था। लेकिन उसे पास होने में कुल दो वर्ष लग गए। वर्ष 2008 के अंत में पूर्वांचल विकास निधि राज्यांश योजना से कुल 83 लाख रुपये की स्वीकृति मिली, लेकिन तबतक महंगाई बढ़ चुकी थी। इसके बाद अधिकारियों ने काम शुरू करा दिया और महंगाई को लेकर पुनरीक्षित लागत में बढ़ोत्तरी करते हुए पुन: 1.23 करोड़ रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजा , लेकिन उसे आज तक स्वीकृति नहीं मिल सकी। कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग ने कुल स्वीकृत बजट 83 लाख रुपये से पुल के लिए चार पायदान खड़े कर छोड़ दिया हैं। पिछले दिनों नागरिकों की शिकायत पर लोक निर्माण विभाग ने पुन: कार्य का आगणन कराकर कुल 399.56 लाख रुपये का डीपीआर तैयार किया है, लेकिन बजट कहां से मिले इसको लेकर उदासीनता जारी है। लोगों की राय
सुभाष नगर के आनंद मिश्रा ने बताया कि जिले के जनप्रतिनिधियों के उदासीनता की ही देन है कि 13 वर्ष बाद भी एक पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों को योगदान देना चाहिए।
पीजी कालेज महराजगंज के डा. शांतिशरण मिश्र ने बताया कि तीसरे विधायक का कार्यकाल बीतने को है, लेकिन इस गंभीर समस्या पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इस पुल के निर्माण हो जाने से शहर को जाम से मुक्ति मिलना तय है।
सुबाष नगर वार्ड के सभासद अमितेश गुप्ता ने बताया कि नागरिकों की समस्याओं को देखते हुए कई बार मुख्यमंत्री सहित अन्य उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर पुल निर्माण पूरा कराए जाने की मांग की गई, लेकिन कोई सहयोग नहीं मिल सका है।
पड़री वार्ड के सभासद महेंद्र ने बताया कि बलिया नाला पर पुल बनने के बाद सुबाषनगर और पड़री वार्ड के एक साथ जुड़ जाने का सपना-सपना ही रह गया। 13 वर्षों से सभी नागरिक पुल के निर्माण को लेकर इंतजार में हैं। ''पुल निर्माण के लिए वर्ष 2008 में 2006 के प्रस्ताव पर जो बजट 83 लाख रुपये प्राप्त हुए थे, वह प्रोजेक्ट के सापेक्ष काफी कम था। जिसके लिए पुन: डीपीआर भेजा गया था, लेकिन आज तक उसे स्वीकृति नहीं मिली। अब उसी कार्य को कराने के लिए करीब 399.56 लाख रुपये की आवश्यकता है। इसका आगणन कराकर शासन को भेज दिया गया है।
-सचिन कुमार, अधिशासी अभियंता, लोक निर्माण विभाग।