रिश्ता निभाने में पिता को जेल
मुश्किल में फंसी बेटी को एक लाख रुपये की मदद करने वाले पिता ने बहू-बेटे की नजर बचाने के लिए लूट की कहानी गड़ी और जेल चला गया।
महराजगंज : मुश्किल में फंसी बेटी को एक लाख रुपये की मदद करने वाले पिता ने बहू-बेटे की नजर में अच्छा बनने के लिए पुरंदरपुर थाने में लूट का मुकदमा दर्ज करा दिया। जांच में लूट का केस फर्जी मिलने पर पुलिस ने वादी को मुल्जिम बना दिया। लूट की धारा धोखाधड़ी की धारा में तरमीम कर दी गई और रिश्ते निभाने के चक्कर में पिता जेल चला गया। यह जानकारी अपर पुलिस अधीक्षक आशुतोष शुक्ल ने गुरुवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी।
एएसपी ने बताया कि बीते चार जून को पीपीगंज थाना अंतर्गत ग्राम बढ़या चौक निवासी फुटावन ने पुरंदरपुर थाने में तहरीर दी कि स्टेट बैंक पीपीगंज से 1.10 लाख रुपये निकालकर वाहन की प्रतीक्षा में सड़क पर खड़ा था, कि एक कार आकर रुकी। कार से दो आदमी उतरे और पूछे कि कहां चलोगे तो बताया कि पुरंदरपुर जाना है। इस पर दोनों ने कहा कि हम भी पुरंदरपुर ही जा रहे हैं, चाहो तो कार में बैठ जाओ, तो हम कार में बैठ गए। फरेंदा बाई पास के समीप कार में बैठे एक व्यक्ति ने रुपयों से भरा हमारा बैग ले लिया और पुरंदरपुर चौराहे से 500 मीटर पहले कार सवारों ने जबरन कार से हमें उतार दिया और रुपयों से भरा बैग लेकर सोनौली की ओर भाग निकले। इस सूचना पर पुरंदरपुर थाने में अज्ञात कार सवारों के खिलाफ लूट की धारा में केस दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई। विवेचना में पता चला कि वादी फुटावन स्टेट बैंक से पैसा निकालने के बाद बस से पुरंदरपुर आया और वहीं से फोन कर अपनी बेटी नेमा पत्नी देवेंद्र को अपने बेटे व बहू से छिपा कर पैसा दे दिया। कहा कि बेटी इस धन से तुम्हारा आर्थिक संकट कम हो जाएगा। बेटी को एक लाख रुपये देने से बेटा व बहू नाराज न हो जाए सो फुटावन ने लूट का फर्जी मुकदमा पुरंदरपुर थाने में दर्ज करा दिया।
एएसपी ने बताया कि कड़ाई से पूछताछ करने पर वादी फुटावन ने बेटी को मुश्किल से बचाने के लिए रुपये दिए थे। बेटा व बहू जान जाते तो बेटी को रुपये नहीं देने देते। इसलिए लूट का फर्जी केस दर्ज करा दिया। पुलिस को गुमराह करने के आरोप में लूट के मामले में धोखाधड़ी की धारा तरमीम कर वादी मुकदमा फुटावन को गिरफ्तार किया गया। आरोपित को पुलिस ने आज कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपित को जेल भेज दिया। इस केस का पर्दाफाश करने में उप निरीक्षक अविनाश त्रिपाठी, ओम प्रकाश यादव, आरक्षी चंद्र प्रकाश गौड़, हेमंत कुमार शुक्ल, ओम प्रकाश यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।