1945 में शुरू हुई थी बसंतपुर की रामलीला
घुघली विकास खंड के बसंतपुर गांव में रामलीला की शुरुआत आजादी से पूर्व वर्ष 1945 में बांसपार मिश्र गांव के तत्कालीन जमींदार विक्रमादित्य मिश्र एवं योगेश्वर प्रसाद मिश्र ने कराया था।
महराजगंज: घुघली विकास खंड के बसंतपुर गांव में रामलीला की शुरुआत आजादी से पूर्व वर्ष 1945 में बांसपार मिश्र गांव के तत्कालीन जमींदार विक्रमादित्य मिश्र एवं योगेश्वर प्रसाद मिश्र ने कराया था। तभी से रामलीला का आयोजन अब तक निरंतर हो रहा है।
योगेश्वर मिश्र के पौत्र विजय कुमार मिश्र ने बताया कि रामलीला आयोजन के नाम पर अंग्रेज जमींदारों को लगान में एक पैसे की छूट भी देते थे।
------
इस वर्ष का आकर्षण
घुघली क्षेत्र के बसंतपुर गांव की रामलीला रावण वध मेला बहुत प्राचीन है। गांव के ही युवा और बुजुर्ग रामलीला का शानदार मंचन करते हैं। इस वर्ष रामलीला व मेले का बेहतर इंतजाम किया गया है। गांव के ही कलाकार रामलीला में अपना-अपना किरदार निभाएंगे। रामलीला की तैयारियां तकरीबन पूरी हो चुकी हैं।
------
फोटो: 5 एमआरजे: 10
परिचय: अनिल कुमार
रामलीला व रावण वध मेला का इंतजार हर आयु वर्ग के लोगों को रहता हैं। सभी ग्रामीण रामलीला का दिग्दर्शन करते हैं और मेले में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
अनिल कुमार सदस्य
-----------
फोटो: 5 एमआरजे: 11
परिचय: संजय मद्धेशिया
बसंतपुर की रामलीला रावण वध मेला बहुत प्राचीन है। गांव के ही युवा रामलीला का शानदार मंचन करते हैं। हम भी विगत कई वर्षों से रामलीला में हनुमान का किरदार निभाते आ रहे हैं।
संजय मद्धेशिया सदस्य
-----
फोटो: 5 एमआरजे: 12
परिचय: दिनेश कुमार चौधरी रामलीला मेले का ग्रामीण वर्ष भर प्रतीक्षा में रहते हैं। रामलीला के दो दिन पूर्व ही गांव के रिश्तेदार लीला देखने वाला मेले का आनंद उठाने बसंतपुर पहुंच जाते हैं।
दिनेश कुमार चौधरी सदस्य
----------
फोटो: 5 एमआरजे: 13
रामलीला मेला को लेकर ग्रामीणों में खासतौर से युवाओं में काफी उत्साह रहता है। सभी लोग रामलीला व मेला में अपना सहयोग देते हैं। सबका यही प्रयास रहता है कि यह आयोजन विगत वर्षों से इस वर्ष और बेहतर हो।
राजू सिंह सदस्य