मुसीबत में फंसे मजदूरों को सता रही घर की याद
यहां ठहरे हुए मजदूरों ने प्रदेश की योगी सरकार से गुहार लगाया है कि किसी तरह उन्हें वापस बुला लें। भले ही उन्हें घर भेजने के बजाय क्वारंटाइन करा दें।
महराजगंज: आर्थिक जरूरतों को पूरा करने के लिए बाहर गए मजदूर लॉकडाउन में फंसे होने के कारण घर वापस लौटना चाहते हैं। काम ठप होने के वजह से उन्हें एक-एक दिन गुजारना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। ऊपर से परिवार व बच्चों की चिता उन्हें अलग से सता रही है। परसामलिक थानाक्षेत्र के ग्रामसभा दोगहरा निवासी घरभरन पासवान ने दूरभाष पर बताया कि वह महाराष्ट्र प्रांत के भिमंडी के मीट पाड़ा इलाके में रहकर मजदूरी करते हैं। उनके साथ क्षेत्र के महुआनी गांव निवासी राजेश, सुनील, बसंत व बरगदवा गांव निवासी श्रीकांत, चकदह टोला भगरभौली निवासी अखिलेश सहित कुल 50 मजदूर फंसे हैं। सभी कपड़ा मिल में मजदूर के रूप में काम करते हैं। लॉकडाउन की वजह से 22 मार्च से ही काम बंद होने के कारण उन्हें खाने पीने की वस्तुओं के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है। महंगे दाम पर राशन, ईधन आदि की व्यवस्था कर गुजारा करना पड़ता है। प्रशासन व स्वयंसेवी संस्थाओं से जुड़े लोग भी आए और नाम लिखकर ले गए। फिर भी कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। कभी कभार घंटों लाइन में खड़े होने के बाद थोड़ी बहुत खिचड़ी जरूर मिल जाती है। कहा कि मुसीबत की मार झेल रहे बहुत से मजदूर तो पैदल ही अपने-अपने गांवों को निकल चुके हैं। यहां ठहरे हुए मजदूरों ने प्रदेश की योगी सरकार से गुहार लगाया है कि किसी तरह उन्हें वापस बुला लें। भले ही उन्हें घर भेजने के बजाय क्वारंटाइन करा दें।