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जिला महिला अस्पताल में नहीं आए डाक्टर, दर्द से कराहती रहीं महिलाएं

जिला महिला अस्पताल में महिला चिकित्सक की कुर्सी खाली रही। स्टाफ नर्स तारा वसुंधरा दुर्गावती रंजना रावत अनीशा कक्ष में मौजूद रहीं। वार्ड में प्रवेश करते ही बाएं तरफ गंदे चादर की ढेर पड़ी थी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 01:29 AM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 01:29 AM (IST)
जिला महिला अस्पताल में नहीं आए डाक्टर, दर्द से कराहती रहीं महिलाएं
जिला महिला अस्पताल में नहीं आए डाक्टर, दर्द से कराहती रहीं महिलाएं

महराजगंज: महिलाओं को चिकित्सका सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से रविवार को भी जिला महिला अस्पताल में एक चिकित्सक की तैनाती का आदेश डीएम ने दे रखा है। बावजूद यहां इस आदेश का पालन नहीं हो पा रहा है। रविवार को अस्पताल पर पीड़िता दर्द से कराहती रहीं, लेकिन ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक 12 बजे तक नहीं आए थे।

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जिला महिला अस्पताल में महिला चिकित्सक की कुर्सी खाली रही। स्टाफ नर्स तारा, वसुंधरा, दुर्गावती, रंजना रावत, अनीशा कक्ष में मौजूद रहीं। वार्ड में प्रवेश करते ही बाएं तरफ गंदे चादर की ढेर पड़ी थी, जबकि सामने दोपहर 12 बजे तक तीमारदार फर्श पर लेटे नजर आई। वार्ड में सफाई का भी अभाव नजर आया। तैनात चिकित्सक के न रहने के कारण महिलाओं को दिक्कत का सामना करना पड़ा। हालांकि इस दरम्यान आए रोगियों को स्टाफ नर्स द्वारा उपचार कर राहत देने का प्रयास किया जाता रहा। स्टाफ नर्स ने बताया कि एक चिकित्सक काल डे के अनुसार आए थे और उनके द्वारा प्रसव पीड़िता का उपचार किया गया। महिलाओं को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। चिकित्सक के अस्वस्थ होने के कारण वह नहीं पहुंच सकी थी। जबकि काल डे के अनुसार एक अन्य चिकित्सक प्रसव पीड़िताओं के इलाज के लिए उपलब्ध थे।

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जड़ार निवासी मलावती ने बताया कि बहू बबिता को प्रसव हुआ है। नर्स आईं थी, लेकिन कोई डाक्टर नहीं आए थे। अस्पताल में एक डाक्टर की ड्यूटी रहनी चाहिए, जिससे रोगी अपनी समस्या बता सके। हरखपुरा निवासी कालिदी ने बताया कि बहू को नार्मल प्रसव हुआ है। वार्ड में ठीक से सफाई नहीं हुई है। वार्ड में एक कोने में गंदा चादर की ढेर रख दी गई है। जिससे दुर्गंध उठ रही है। हरखपुरा निवासी सुनीता ने बताया कि बहू संजू को प्रसव पीड़ा हुई तो महिला अस्पताल लेकर पहुंची। स्टाफ नर्स ने जांच कर सूई लगाया और भर्ती कर दी। लेकिन बेड के लिए चादर और कंबल नहीं मिला। अपने घर से चादर और कंबल मंगाई हूं। पिपराबाबू निवासी विद्रावती ने बताया कि बेटी रीना को शुक्रवार को प्रसव हुआ है। अस्पताल से भोजन मिलता है। लेकिन रात में गलन रहती है। खिड़की के शीशा पर मोटा पर्दा लग जाने से ठंड से राहत मिलता।


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