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आठ साल में ही उजड़ गया रोहणी का सुहाग

शादी के आठ वर्ष के भीतर जाबांज सैनिक पंकज त्रिपाठी के शहीद होने से रोहिणी का सुहाग उजड़ गया और एक मात्र पुत्र प्रतीक के सिर से पिता का साया उठ गया। परिजनों ने बताया कि पंकज की शादी 2010 में पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के सोहरवलिया खुर्द निवासी धनंजय चौबे की पुत्री रोहणी के साथ हुई थी।

By Edited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 12:21 AM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 12:21 AM (IST)
आठ साल में ही उजड़ गया रोहणी का सुहाग
आठ साल में ही उजड़ गया रोहणी का सुहाग
महराजगंज: शादी के आठ वर्ष के भीतर जाबांज सैनिक पंकज त्रिपाठी के शहीद होने से रोहिणी का सुहाग उजड़ गया और एक मात्र पुत्र प्रतीक के सिर से पिता का साया उठ गया। परिजनों ने बताया कि पंकज की शादी 2010 में पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के सोहरवलिया खुर्द निवासी धनंजय चौबे की पुत्री रोहणी के साथ हुई थी। शादी के दो वर्ष बाद पंकज सीआरपीएफ में चालक पद पर भर्ती हुए। पंकज के सैनिक बनने के बाद घर में खुशियां भर गईं। नौकरी मिलने के बाद रोहणी को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई तो घर आंगन में खुशहाली छा गई। पुत्र प्रतीक की किलकारी से पूरा घर गूंजने लगा और उम्मीदें परवान चढने लगीं पर नियति को कुछ और ही मंजूर था। घर के एक मात्र कमाऊ सदस्य के शहीद होने से एक झटके में परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और रोहिणी का भरा-पूरा संसार उजड़ गया।

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