बिना चहारदीवारी के स्कूल, बच्चों की सुरक्षा पर खतरा
तालाब सटे बिना चहारदीवारी के विद्यालय होने से बना रहता है डर
महराजगंज: शासन-प्रशासन ने सभी परिषदीय विद्यालयों की चहारदीवारी के निर्माण के लिए कई बार निर्देश दिए हैं। बावजूद जिम्मेदार इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं। इसका ताजा उदाहरण निचलौल विकास खंड के ग्राम बूढ़ाडीह कला के प्राथमिक विद्यालय में देखा जा सकता है। स्कूल के पास ही तालाब है। बिना चहारदीवारी के यह स्कूल बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बने हैं।
प्राथमिक विद्यालय में करीब 85 बच्चों का नामांकन है। पढ़ाई के दौरान हमेशा डर बना रहता है कि कोई बच्चा पोखरे में न गिर जाए। बच्चों की जान को खतरा बताकर कई अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने से भी कतराते हैं। इस समस्या को कई बार विभागीय अधिकारियों तक पहुंचाई गई। लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से अब तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल तालाब के किनारे स्थित है। ऐसे में चहारदीवारी के निर्माण की आवश्यकता है। बेसहारा पशु भी दिन भर स्कूल में ही डेरा जमाए रहते हैं। प्रभारी प्रधानाध्यापक रामवीर सिंह ने कहा कि विभाग को कई बार इसकी शिकायत की गई, कितु आज तक बाउंड्री का निर्माण नहीं हो पाया।
इस संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी अरविद कुमार सिंह ने कहा कि हर वर्ष विद्यालयों की चहारदीवारी बनवाने के लिए जिले पर रिपोर्ट भेजी जाती है। जिससे विद्यालय में बाउंड्री बनना होता है। वहां धन भेजा जाता है। बुढ़ाडीह कला में चहारदीवारी अत्यंत ही आवश्यक है। इसके लिए जिले पर लिखकर भेजा जाएगा। जिससे जल्दी ही इसका निर्माण कराया जा सके।