जर्जर भवनों को लेकर बेसुध हैं जिम्मेदार, खतरा बरकरार
महराजगंज बारिश का मौसम चल रहा है लेकिन जर्जर भवन को लेकर जिम्मेदार बेसुध हैं। यहां
महराजगंज: बारिश का मौसम चल रहा है, लेकिन जर्जर भवन को लेकर जिम्मेदार बेसुध हैं। यहां आम नागरिक की तो अलग बात है, खुद सरकारी अफसर ही जर्जर व निष्प्रयोज्य घोषित भवन में नौकरी कर रहे हैं। शहर के मध्य 30 से अधिक जर्जर भवन हैं, जिन्हें नगर पालिका ने पिछले साल भी चिन्हित किया था, लेकिन आज भी वहां पर कई भवनों में मकान मालिक तो कहीं पर किरायेदार निवास कर रहे हैं। कहीं खाली पड़े हैं, जिनसे आसपास के मकानों पर खतरा मंडराता रहता है।
नगर पालिका में बैठे जिम्मेदार नोटिस देकर इतिश्री कर लेते हैं। इनकी लापरवाही के चलते यह भवन किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इस साल अब तक नोटिस भी नहीं पहुंचा है। यह हाल तब है जब पिछले दिनों जिलाधिकारी डा. उज्ज्वल कुमार ने नगर निकायों के जिम्मेदारों के साथ बैठक कर जर्जर आवासों के निस्तारण का निर्देश दिया था। नगर पालिका परिषद महराजगंज के कालेज रोड पर स्थित पुरानी तहसील कार्यालय, सहित उपनिबंधक कार्यालय, पुलिस आवास, रोडवेज, सीएमओ आफिस के कई सहायक कार्यालयों की स्थिति यह है कि बारिश होते ही इनके छत टपकने लगते हैं। बारिश के पानी से बचने के लिए उपनिबंधक कार्यालय के उपर तो तिरपाल की व्यवस्था की गई है। इन जर्जर कार्यालयों के साथ नगर में भी करीब 30 से अधिक जर्जर आवास ऐसे हैं, जो कभी भी हादसे का कारण बन सकते हैं। -----------------
निस्तारण के दिए गए हैं निर्देश
: अपर उपजिलाधिकारी एवं निकाय प्रभारी अविनाश कुमार ने बताया कि नगर पालिका को निर्देशित किया गया है कि शहर के अंदर जितने भी जर्जर भवनों के गिरने का डर है, उनको तुरंत खाली करवाएं एवं उनके आसपास राहत बचाव कार्य की व्यवस्था करा लिया जाए। जल्द ही ऐसे भवनों को चिन्हित कराकर उनके निस्तारण की व्यवस्था भी कराई जाएगी।
------------------------