महराजगंज में रेंजर की लकड़ी, डीएफओ ने पकड़ी, एसडीओ को सौंपी जांच
डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि रविवार की शाम को सूचना मिली थी कि पकड़ी आरा मशीन पर अवैध तरीके से सागौन की लकड़ियों का चिरान कराया जा रहा है। पकड़ी स्थित आरा मशीन रेंज कार्यालय के समीप ही फरेंदा मार्ग पर है। सूचना पर स्वयं डीएफओ ने पहुंचकर लकड़ियों को बरामद कर लिया। पूछताछ में आरा मशीन संचालक ने बताया कि लकड़ियां पकड़ी रेंजर द्वारा भेजी गईं हैं।
महराजगंज: वनकर्मियों की संलिप्तता से जंगल को उजाड़ करने का खेल चल रहा है। सोमवार को सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के पकड़ी रेंजर द्वारा अवैध तरीके से सात बोटा सागौन की लकड़ी के चिरान कराए जाने का मामला प्रकाश में आया है। प्रभागीय वनाधिकारी पुष्प कुमार के. और वन सुरक्षा टीम ने आरा मशीन पर पहुंचकर लकड़ियों को सीज कर दिया है। इस मामले में डीएफओ ने एसडीओ सदर को जांच सौंपते हुए दो दिनों के भीतर रिपोर्ट तलब की है। डीएफओ की इस कार्रवाई से वनकर्मी सकते में आ गए हैं। रेंजर रामसेवक तिवारी पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।
डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि रविवार की शाम को सूचना मिली थी कि पकड़ी आरा मशीन पर अवैध तरीके से सागौन की लकड़ियों का चिरान कराया जा रहा है। पकड़ी स्थित आरा मशीन रेंज कार्यालय के समीप ही फरेंदा मार्ग पर है। सूचना पर स्वयं डीएफओ ने पहुंचकर लकड़ियों को बरामद कर लिया। पूछताछ में आरा मशीन संचालक ने बताया कि लकड़ियां पकड़ी रेंजर द्वारा भेजी गईं हैं। रेंजर से पूछताछ में भी इस बात की पुष्टि हुई, लेकिन वह मौके पर कोई कागजात नहीं दिखा सके। डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि लकड़ियों को जब्त कर पूरे मामले की जांच सदर एसडीओ राकेश कुमार को सौंपी गई है। प्रथम दृष्टया पकड़ी रेंजर दोषी पाए गए हैं। एसडीओ सदर की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सितंबर 2020 में वनकर्मियों ने बेंच दी थी जब्त की गई लकड़ी
महराजगंज: सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के वनकर्मियों का लकड़ियों के अवैध धंधे में संलिप्तता कोई नई बात नहीं है। इसके पूर्व नौ सितंबर 2020 को दक्षिणी चौक रेंज में जब्त लकड़ियों को वनकर्मियों ने तस्करों के हाथों बेच दिया था। इस मामले में आरोपित तस्कर पिकअप लेकर लकड़िया लेने आए थे, तभी स्थानीय लोगों को इसकी भनक लग गई। लोगों के विरोध के बाद आरोपित पिकअप पर लदी लकड़ी लेकर फरार हो गए थे। लकड़ियों के बेचने की शिकायत पर डीएफओ पुष्प कुमार के ने जांच के लिए टीम का गठन भी किया था, लेकिन 10 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक उस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई।