दीपावली: बढ़ी कुम्हारों के चाक की रफ्तार
दीपों का पर्व दीपावली को लेकर कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। आज भी पुरानी परंपराओं को जीवित रखने में इनकी अहम भूमिका है।
महराजगंज : दीपों का पर्व दीपावली को लेकर कुम्हारों के चाक की रफ्तार तेज हो गई है। आज भी पुरानी परंपराओं को जीवित रखने में इनकी अहम भूमिका है। पर्व को लेकर कुम्हार समाज के लोग घर में रोशनी करने वाले दीये बनाने में लगे हैं। परंतु मांग के अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है। पुरानी पीढ़ी ही इस परंपरागत रोजगार को जीवंत बनाए हैं। जबकि युवा पीढ़ी चाक चलाने व बर्तन बनाने की कला से मुंह मोड़ लिया है।
घुघली विकास खंड के भैंसी गांव के 75 साल के कुम्हार चोकट का हाथ चाक पर खूब चल रहा है। दीपावली और महापर्व छठ के लिए कुम्हार दीपों की तैयारियों में जुट गए हैं। प्रखंड के चौक-चौराहों पर इसे बेचने के लिए दुकानें भी सजने लगी हैं। मांग बढ़ने से ग्रामीण इलाकों से लेकर प्रखंड मुख्यालय तक कुम्हार चाक के सहारे दीप, कलश तथा पूजा के दौरान उपयोग में आने वाले मिट्टी के बर्तन को तैयार कर रहे हैं।
भिटौली क्षेत्र के विभिन्न गांवों में शनिवार को कुम्हार चाक पर काम करते देखे गए। चोकट ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद से उनके कार्य में तेजी आ जाती है।