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जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू, उमड़े मरीज

महराजगंज तीन माह बाद जिला संयुक्त चिकित्सालय की पूरी ओपीडी चालू हो गई। पहले दिन सभी विभाग

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Jul 2021 12:10 AM (IST)Updated: Fri, 23 Jul 2021 12:10 AM (IST)
जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू, उमड़े मरीज
जिला अस्पताल में ओपीडी शुरू, उमड़े मरीज

महराजगंज: तीन माह बाद जिला संयुक्त चिकित्सालय की पूरी ओपीडी चालू हो गई। पहले दिन सभी विभागों की ओपीडी शुरू होने से अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ उमड़ी।

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दरअसल कोरोना का प्रभाव बढ़ने के कारण शासन के निर्देश पर जिला अस्पताल की ओपीडी बंद चल रही है। चार जून से सिर्फ चुनिदा ओपीडी सर्जिकल, नेत्र व गायनी के साथ मरीजों को इमरजेंसी सेवा ही उपलब्ध कराई जा रही थी। इसके कारण अन्य मरीज इलाज के लिए भटक रहे थे, उन्हें प्राइवेट चिकित्सकों के पास जेब ढीली करनी पड़ती थी, या छोलाछाप के सहारे अपनी जिदगी दांव पर लगानी पड़ती थी, लेकिन अब सभी ओपीडी चालू होने से मरीजों को राहत मिल सकेगी। पर्ची काउंटर पर भी मरीजों की लंबी लाइन लगी रही।

सीएमएस डा. एके राय ने आठ मरीजों को देखा, जबकि चिकित्सक विशाल चौधरी भी मरीजों की जांच करने में जुटे रहे। लगभग सभी चिकित्सकों के कक्ष में मरीज उमड़े रहे।

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जिला अस्पताल की सभी ओपीडी शुरू कर दी गई है। गुरुवार को 225 मरीजों की पर्ची कटी है। कोविड नियमों का पालन करने के लिए चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों को सुझाव दिया गया है। ओपीडी चालू होने से अब मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा।

डा. एके राय सीएमएस

जिला संयुक्त चिकित्सालय

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बीमारियों से बचाव का माध्यम है योग

महराजगंज: कोरोना काल में योग की महत्ता लोगों को समझ में आई है। किसी भी बीमारी के इलाज से बेहतर है कि उससे बचाव कर लिया जाए। स्वस्थ रहने के लिए योग बहुत जरूरी है। अगर आप योग को अपने दिनचर्या में शामिल कर लें तो शरीर को अनेक बीमारियों से बचाया जा सकता है।

यह कहना है कि महराजगंज निवासी योग साधक दिनेश तिवारी का। उन्होंने शलभासन के बारे में बताया कि कमर दर्द से निजात के लिए यह अति उत्तम योगाभ्यास है। यह पेट की मालिश करते हुए पाचन तंत्र व तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है। रक्त साफ करता है तथा उसके संचार को बेहतर बनाता है। इसे करने के लिए आसन बिछाकर पेट के बल लेट जाएं। अपने हथेलियों को जांघों के नीचे रखें। एड़ियों को आपस में जोड़ लें। सांस लेते हुए अपने पैरों को यथासंभव ऊपर ले जाएं। धीरे-धीरे सांस लें और फिर धीरे धीरे सांस छोड़े और इस अवस्था को बनाएं रखें। सांस छोड़ते हुए पांव नीचे लाएं। यह एक चक्र हुआ। इस तरह से तीन से पांच करें। निरंतर अभ्यास से चक्र और समयावधि को बढ़ाया जा सकता है, किन्तु नौसिखिए इसे शुरुआती दौर में योग्य व्यक्ति के सहयोग से और कम समय के लिए ही करें। हृदय रोगी एवं दमा रोगी को इस आसन के करने से बचना चाहिए।


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