बंद हुआ मनीऑर्डर, आर्थिक तंगी से गुजर रहे परिवार
दो महीने में 70 लोगों ने भेजे रुपये
महराजगंज: घरों में रुपये भेजने का जरिया रहा मनीआर्डर भी लॉकडाउन में लाक हो गया है। गांवों में कामगारों के लौटने से मनीऑर्डर की स्थिति काफी खराब हो गई। ईएमओ और आइएमओ की सेवाएं भी काफी प्रभावित हुईं हैं। दो महीने के अंदर 70 लोग ही रुपये भेज पाएं हैं। ऐसे में अब ग्रामीण अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी है।
महराजगंज में भारतीय डाक घर की 186 शाखा काम करतीं हैं। लॉकडाउन से पहले ईएमओ के माध्यम से इन शाखा में रोजाना एक दो मनीऑर्डर पहुंच जाता था। लेकिन लॉकडाउन में पूरे जिले भर में दो महीने के अंदर 70 लोग ही मनीऑर्डर कर पाए हैं। एक बार में एक हजार से लेकर 10 हजार रुपये की निकासी इन खातों से होती है। लॉकडाउन में बाहर काम करने वाले मजदूर घरों को लौट आए हैं। ऐसे में खातों में रुपये लगाने वाला कोई नहीं है। परिवार के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। केस-एक
बभनौली बुजुर्ग की रहने वाली जलीमुन निशा ने बताया कि उनके पुत्र कमरे आलम सऊदी अरब अबहा में एक दुकान पर रहते हैं। हर महीने गांव के डाक घर में रुपये भेज देते थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से तीन महीने बीत गए मनीऑर्डर नहीं आया। काफी परेशानी हो रही है। वहां भी काम बंद हो गया है। केस-दो
बभनौली बुजुर्ग गांव की रहने वाली शाहिदुन ने बताया कि पति रज्जब अली सऊदी अरब में रहते है। लॉकडाउन के कारण रुपये नहीं भेज पा रहे हैं। जिसकी वजह से परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। काफी परेशानी हो रही है। लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी खातों में रुपये आएगा। केस नंबर-तीन
मोहम्मद हुसैन ने बताया कि सऊदी अरब के रियाद में उनके दो बेटे वजीर अहमद व बशीर अहमद काम करते हैं। जिस दिन वह सऊदी में पहुंचा वहां लॉकडाउन हो गया। उनके पास भी रुपये नहीं हैं। यहां काफी परेशानी हो रही है। हालात सामान्य होने के बाद ही वहा काम हो पाएगा। केस नंबर-चार
पनियरा क्षेत्र के रहने वाले बचऊ यादव ने बताया कि उनका बेटा गुड्डू यादव सऊदी अरब में गाड़ी चलाता है। लॉकडाउन में वहां फंस गया है। तीन महीने से रुपये नहीं भेज पा रहा है। जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है।