किसानों पर आफत की बारिश, उम्मीदों पर ओला
जिले में दो दिन से हो रही बारिश व शुक्रवार की रात में ओला वृष्टि से गेहूं, जौ, चना, मटर, अरहर, आलू, गोभी संग तिलहनी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। राहत देने वाली बारिश किसानों पर आफत बन कर टूटी है। खेतों में पानी लगने के बाद तेज हवाओं के चलने से फसल जमीन पर गिरने से पैदावार कम होने के आसार बढ़ते जा रहे हैं।
महराजगंज : जिले में दो दिन से हो रही बारिश व शुक्रवार की रात में ओला वृष्टि से गेहूं, जौ, चना, मटर, अरहर, आलू, गोभी संग तिलहनी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। राहत देने वाली बारिश किसानों पर आफत बन कर टूटी है। खेतों में पानी लगने के बाद तेज हवाओं के चलने से फसल जमीन पर गिरने से पैदावार कम होने के आसार बढ़ते जा रहे हैं। किसानों के लिए सरकार की फसल बीमा योजना ही सहारा बन सकती है। हमारे बहदुरी, बृजमनगंज, फुलमनहा, भिटौली, शिकारपुर, कोठीभार, ठूठीबारी, निचलौल प्रतिनिधि के अनुसार कुदरत की मार से लेहड़ा, हरदयालजोत, महजिदीया, अजायबनगर, बदलबाग, नयनसर,खुर्मपुर, सोनैली हरसायपुर, बंजरहा सोनबरसा, शिकारपुर, रमपुरवा, बैकुंठपुर, भिटौली, धर्मपुर समेत दर्जनों गांवों में ओला वृष्टि से रबी अभियान की सभी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। मटर, चना, अरहर व सरसों के फूल झड़ गए और फलियां क्षतिग्रस्त हो गईं। खेतों में पानी लगने के बाद तेज हवा चलने से जमीन पर गिरी फसल के सड़ने से उपज तो घटेगी ही आगे चल कर पशुओं के लिए चारा-भूसा का संकट उत्पन्न होने के आसार बढ़ गए हैं। गांवों संग खेतों में लगे ओलों के ढेर को लोगों ने शनिवार को दोपहर तक देखा। राजाराम, राधेश्याम, दीनानाथ, राम बदन, हरिश्चंद्र, रघुनाथ प्रसाद, देवेंद्र पांडेय आदि किसानों ने कहा कि ओला से काफी नुक्सान हुआ है। जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय ने कहा कि बारिश व ओला वृष्टि से हुई क्षति का आकलन कराने की जिम्मेदारी सदर, नौतनवा, निचलौल व फरेंदा एसडीएम को सौंपी है। क्षति के आकलन के बाद किसानों को अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।