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नेपाल से सटे बाजार होंगे गुलजार, फिर बढ़ेगा व्यापार

भारत-नेपाल के दोनों तरफ सीमावर्ती बाजारों में कोरोना महामारी आने से पहले करोड़ों रुपये का व्यापार होता था। जो बंदी के कारण ठप हो गया था और व्यापारी बेहाल हो गए थे। अब सीमा खुलने की जानकारी मिलने के बाद व्यापारियों में खुशी है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Sep 2021 02:49 AM (IST)Updated: Thu, 23 Sep 2021 02:49 AM (IST)
नेपाल से सटे बाजार होंगे गुलजार, फिर बढ़ेगा व्यापार
नेपाल से सटे बाजार होंगे गुलजार, फिर बढ़ेगा व्यापार

महराजगंज: नेपाल सरकार ने मंगलवार को बीते मार्च 2020 से बंद चल रहे भारत नेपाल सीमा को खोलने का निर्णय लिया है। जिसके बाद से दोनों देशों के सीमावर्ती बाजारों में हर्ष व्याप्त है। व्यापारियों ने नेपाल सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। सीमा खुलने के बाद एक बार फिर दोनों देशों के बाजार गुलजार होंगे और व्यापार बढ़ेगा। जिससे भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके व्यापारियों के दिन लौटेंगे।

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भारत-नेपाल के दोनों तरफ सीमावर्ती बाजारों में कोरोना महामारी आने से पहले करोड़ों रुपये का व्यापार होता था। जो बंदी के कारण ठप हो गया था और व्यापारी बेहाल हो गए थे। अब सीमा खुलने की जानकारी मिलने के बाद व्यापारियों में खुशी है। खुली सीमा होने के कारण दोनों देशों के लोग सीमा पार जाकर खरीदारी करते हैं। भारत के लोग जहां नेपाल में मसाला व रेडीमेड कपड़े व जूते आदि की खरीदारी के लिए जाते हैं। वहीं नेपाल के नागरिक भारतीय बाजारों में मिलने वाले लगभग सभी सामान की खरीदारी करने आते हैं। भारत के बाजारों में नेपाल से 10 से 25 प्रतिशत कम दाम पर सामान मिल जाता है। जिससे ठूठीबारी, लक्ष्मीपुर खुर्द, बहुआर व झुलनीपुर के बाजारों में करोड़ों का कारोबार होता है। रोटी-बेटी के रिश्ते में फिर आएगी सरगर्मी

भारत-नेपाल के सीमावर्ती गांवों के लोगों के बीच वर्षों से चली आ रही रोटी बेटी का संबंध सीमा बंद होने से कम होने लगी थी। तमाम रोक और पाबंदियों के कारण ज्यादातर लोग सीमा पार रिश्ते जोड़ने से कतराने लगे थे। पहले हर गांव में कुछ रिश्ते दोनों देशों के बीच मिल जाते थे। भारत क्षेत्र के ग्राम बहुआर, झुलनीपुर, लक्ष्मीपुर खुर्द, औरहवा, कर्मिसवा, लाइन टोला, रेंगहिया, लक्ष्मीपुर, चटिया, तुरकहिया, भरवलिया, गड़ौरा, ठूठीबारी, तड़हवा, रमजीता, नौडिहवा, डगरूपुर, राजाबारी व पिपरा तथा नेपाल क्षेत्र के मुंडेरवा, बक्सीपुर, अमानीगंज, रमपुरवा, बेलटारी, फेंहरवा, गोपीगंज, त्रिवेणी, बर्दघाट, परासी, पाल्हि, गेरमा, बेलासपुर आदि गांवों में लोगों की रिश्तेदारी हैं। साथ ही लोग खेती व व्यापार भी करते रहे हैं। सीमा खुलने के बाद इन रिश्तों में फिर नजदीकियां बढ़ेंगी और नए रिश्ते भी जुड़ेंगे। ''भारत-नेपाल सीमा खुलने के बाद दोनों देशों के बाजारों में रौनक बढ़ेगी। जिससे सीमावर्ती बाजारों में भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके व्यापारियों को राहत मिलेगी। कोरोना के कारण जितनी परेशानी नहीं झेली, उससे ज्यादा अब झेलना पड़ रहा है।

रघुनंदन निगम, महेशपुर, नेपाल ''कोरोना का प्रभाव कम होने के बाद से ही बाजार खुल रहे हैं, लेकिन सीमा बंद होने के कारण ग्राहक नहीं आते थे। व्यापार आधे से भी कम हो चुका था। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण भारत के ग्राहकों पर निर्भरता ज्यादा रहती है। इसलिए अब अगर सीमा खुलती है तो व्यापार फिर तेजी से चल पड़ेगा।

प्रमोद निगम, महेशपुर, नेपाल ''ठूठीबारी अभी भी गांव के रूप में ही स्थापित है, लेकिन सीमावर्ती बाजार होने के कारण यह कस्बा हो चुका है। जहां सारा व्यवस्था व्यापार पर ही निर्भर है। कोरोना के कारण बंद हुए सीमा से व्यापार ठप हो गया है। अब सीमा खुलने की सूचना पर एक उम्मीद जगी है। जल्द ही सीमा खोले जाने का इंतजार है।

अतुल रौनियार, ठूठीबारी ''मार्च 2021 से ही कोरोना संक्रमण की स्थिति सामान्य हो गई थी। जिसके बाद से लोगों की आवाजाही पगडंडियों के रास्ते होने लगी थी। इसलिए व्यापारी सीमा का मुख्य द्वार खोलने की मांग कर रहे थे। जिसके लिए हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया था। अब मुख्य द्वार से आवागमन शुरू होने की सूचना मिली है।

अनूप रौनियार, ठूठीबारी सीमा खुलने के निर्णय से राहत, नाके खुलने का इंतजार

महराजगंज: कोरोना संक्रमण के चलते डेढ़ साल से बंद चल रही भारत-नेपाल सीमा खोलने के निर्णय ने सीमावर्ती इलाकों की जनता को बेहद राहत दी है। अब उन्हें नाके खुलने का इंतजार है। जनप्रतिनिधि एवं राजनैतिक दल एक सप्ताह में सीमा खुलवाने की बात कर रहे हैं। सीमा खुलने के बाद नेपाल के बेलहिया, भैरहवा, बुटवल, नवलपरासी समेत महराजगंज और सिद्धार्थनगर के 50 से अधिक नाकों से सामान्य आवागमन पर पाबंदी नहीं रहेगी।

नेपाल के पूर्व गृह राज्यमंत्री व नवलपरासी लोकसभा क्षेत्र के सांसद देवेंद्र राज कंडेल ने इसे सही निर्णय बताते हुए कहा कि मैंने संसद में कई बार मामला उठाकर सीमा खोलने की मांग की। इस निर्णय से नेपाली जनता विशेषकर मधेश क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। दोनों देशों के बीच चला आ रहा रोटी-बेटी का रिश्ता और मजबूत होगा। रूपनदेही के मर्चवार क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अष्टभुजा पाठक ने कहा कि यह राहत भरा निर्णय है। सभी नाके एक सप्ताह में खुल जाएंगे। रूपनदेही प्रदेश नंबर पांच से कांग्रेस सांसद प्रमोद यादव ने कहा कि सीमा खोलने का निर्णय उत्साहजनक है। पर्यटन मंत्री का हस्ताक्षर होने के बाद शीघ्र सीमा खोल दी जाएगी। सामाजिक संबंधों को मिलेगी मजबूती

22 मार्च 2020 से लगी पाबंदी के बीच केवल मालवाहक वाहन ही आ-जा रहे थे। सामान्य आवागमन बंद होने से रोटी-बेटी के रिश्ते वाले भारत-नेपाल के सीमाई इलाकों में ठहराव सा आ गया था। बूढ़ाडीह कला के जयप्रकाश मिश्रा व रामबलि कसौधन और मेघौली गांव के रामनरेश कहते हैं कि बेटियों की शादी नेपाल में की है। बीते डेढ़ साल से रिश्ता निभाना मुश्किल हो गया था। सीमा खुलने के निर्णय से राहत मिली है।


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