मनोज जोशी के अभिनय से रूबरू हुआ जिला
सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वर्ष 2018 बेहतर रहा। जिले के लोग रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर पद्मश्री मनोज जोशी के अभिनय के गवाह बने। चाणक्य नाटक के जरिये उन्होंने तत्कालीन नंद और मौर्य सामराज्य के घटनाक्रम को उभारते हुए जीवंत प्रस्तुति की।
महराजगंज: सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए वर्ष 2018 बेहतर रहा। जिले के लोग रंगमंच के सशक्त हस्ताक्षर पद्मश्री मनोज जोशी के अभिनय के गवाह बने। चाणक्य नाटक के जरिये उन्होंने तत्कालीन नंद और मौर्य सामराज्य के घटनाक्रम को उभारते हुए जीवंत प्रस्तुति की।
भारत-नेपाल सीमा पर स्थित महराजगंज जिले को कला, संस्कृति व साहित्य की दिशा में आगे बढ़ाने को गति मिली है। इस वर्ष जिले में दो बड़े कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति देकर कला व संस्कृति को आगे बढ़ाने के साथ-साथ प्रतिभाओं में ऊर्जा का संचार किया, वहीं दो शिक्षकों ने प्रदेश स्तर पर पुरस्कार जीतकर साहित्य को पहचान दिलाई । कला व संस्कृति के विकास को लेकर इस वर्ष स्थानीय स्तर पर दो बार कवायद हुई। पहली बार 14 जनवरी को जवाहर लाल नेहरू पीजी कालेज में आए मशहूर गायक अल्ताफ रजा ने चार घंटे से अधिक समय तक अपनी ¨बदास प्रस्तुति से गायन के क्षेत्र में रुचि रखने वाले युवाओं को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। दूसरी बार 24 नवंबर की रात नगर के एक अतिथि भवन में एक कार्यक्रम के तहत चाणक्य नाटक का अभिनेता मनोज जोशी ने सजीव कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी को यह एहसास कराया कि यदि कलाकार के पास इच्छाशक्ति हो तथा समाज का सहयोग मिले तो वह किसी भी परिस्थिति में कला व संस्कृति को पहचान देने से नहीं चूकेगा। साहित्य के क्षेत्र में 27 मार्च 2018 को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद(एससीइआरटी) में सदर ब्लाक के मटिहनिया चौधरी की शिक्षिका आरती साहू ने 'बाढ़ में फंसी सीमा' व परतावल ब्लाक के ग्राम डेरवा के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र प्रसाद ने 'सारस' व 'मोर' नामक कहानी पर पुरस्कार जीतकर तथा परिषदीय पुस्तकों के आडियो वर्जन में अपनी आवाज देकर प्रदेश फलक पर जिले को गौरवान्वित किया। युवा कल्याण विभाग द्वारा युवाओं को कला व संस्कृति क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष जिले स्तर पर आयोजन होता है। शासन ने इस बार जिले की बजाए मंडल स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। 27 दिसंबर को गोरखपुर में आयोजित प्रतियोगिता में विभाग के प्रतिभाशाली प्रतिभागी मंजेश प्रजापति ने बांसुरी वादन, अवधेश कुमार ने सितार वादन, अविनाश पाठक ने तबला वादन, अशोक वर्मा ने शास्त्रीय गायन तथा समीर साहनी, राजकुमार, भूपेंद्र व पल्टन यादव ने लोकगीत विधा में प्रतिभाग किया। जिसमें से मंजेश प्रजापति व अवधेश कुमार का चयन दो से चार जनवरी तक लखनऊ में आयोजित होने वाले प्रदेश स्तरीय युवा उत्सव के लिए हुआ है। दोनों के चयन से तराई के बांसुरी व सितार वादन की धुन राजधानी में गूंजेगी।