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Maharajganj: जोखिम में है कानून के रखवालों की जान, जर्जर थाना भवनों में खौफ के बीच गुजर रही पुलिसकर्मियों की रात

महराजगंज जिले में कानून की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठा रहे पुलिस कर्मियों की जान खुद जोखिम में है। कहीं जर्जर भवनों से प्लास्टर गिरता तो कहीं बारिश होते ही छत टपकने लगता है। वहीं पुलिस कर्मियों को भय के माहौल में जिम्मेदारियों का निर्वहन करना पड़ रहा है।

By Pragati ChandEdited By: Published: Fri, 16 Sep 2022 06:02 PM (IST)Updated: Fri, 16 Sep 2022 06:02 PM (IST)
Maharajganj: जोखिम में है कानून के रखवालों की जान, जर्जर थाना भवनों में खौफ के बीच गुजर रही पुलिसकर्मियों की रात
महराजगंज में जर्जर भवन में रहने को मजबूर हैं पुलिस कर्मी। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महराजगंज, जागरण संवाददाता। महराजगंज जिले में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी पुलिस पर है। जान जोखिम में डाल कर दूसरों को सुरक्षा देने वाले इन पुलिस कर्मियों की जान जर्जर थाना कार्यालय व आवास के बीच असुरक्षित है। कहीं जर्जर आवास के प्लास्टर टूटकर गिर रहे हैं, तो कहीं बारिश होते ही थाना कार्यालय का छत टपकने लगती है। दिन में तो किसी तरह सतर्क पुलिसकर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर लेते हैं, लेकिन जर्जर आवास में रात में कब हादसा हो जाए कुछ कहा नहीं जा सकता।

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लंबे समय से भवनों का नहीं हुआ जिर्णोद्धार

सदर थाना कोतवाली की स्थापना आजादी से पूर्व 1905 में हुई है। उसी के करीब कोतवाली परिसर में ही पुलिस कर्मियों के रहने के आवास भी बना। लंबे समय के बने यह आवास अब पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं। हालांकि उसके बाद नए ब्लाक में बने आवास भी हैं, पुलिसकर्मियों के सापेक्ष आवास की अन उपलब्धता के कारण अधिकांश पुलिसकर्मी पुराने और जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं। यहीं निष् फरेंदा, निचलौल, श्यामदेउरवा, ठूठीबारी, चौक, पुरंदरपुरख् बृजमनगंज आदि थानों का भी है। आवास के दिवाल पर लगे प्लास्टर देखरेख और मरम्मत के अभाव में टूटकर गिर रहे हैं।

बरसात में टपकता है पानी, अभिलेखों के रखरखाव में होती है समस्या

जिले के थानों के आवास के साथ थाना कार्यालय भी खुद जर्जर हालात में हैं। फरेंदा, श्यामदेउरवा के साथ नौतनवा थाना कार्यालय का भवन अंग्रेजों के जमाने का बना हुआ है। इसमें सबसे खराब स्थिति नौतनवा थाने की है। जरा सी बरसात होने पर स्थिति गंभीर हो जाती है। छत से टपकते पानी से पुलिसकर्मियों को खुद के साथ अभिलेखों का बचाव करने में समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जर्जर घोषित हो चुके हैं आवास

सदर कोतवाली के साथ ही जिले के अन्य थानों में बने पुराने कई आवास जर्जर हो चुके हैं। नौतनवा, निचलौल, फरेंदा , पुरंदरपुर, सोनौली, बृजमनगंज घुघली आदि थानों में जर्जर हो चुके इन आवासों में कइयों को विभाग की ओर से निष्प्रयोज्य भी घोषित कर दिया गया है। लेकिन इसके बावजूद इनमें पुलिसकर्मी रह रहे हैं। सदर कोतवाली परिसर में स्थित आवास में रह रहे पुलिसकर्मियों को विभाग की ओर से नोटिस भी जारी किया गया है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस कर्मी उन्हीं आवासों में रह रहे हैं।

मांगी गई है जर्जर आवास व भवनों की जानकारी

एसपी डा. कौस्तुभ ने बताया कि जर्जर आवास व भवनों की जानकारी मांगी गई है। जर्जर भवन व थानों की मरम्मत कराई जाएगी, जो भवन निष्प्रयोज्य घोषित कर दिए गए हैं उनके ध्वस्तीकरण की कार्रवाई प्रगति पर है, अगर उनमें कोई पुलिसकर्मी रह रहा है, तो उन्हें खाली कराया जाएगा।


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