Move to Jagran APP

Maharajganj News: मारपीट के मामले में तीस साल बाद आया कोर्ट का फैसला, पांच आरोपितों को तीन साल की सजा

महराजगंज जिले के सिंदुरिया थाना क्षेत्र के रामपुरमीर गांव का मामला है। यहां 1993 में दो पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी। इस मामले में 30 वर्ष बाद फैसला आया है। इस दौरान पांच अभियुक्तों को तीन साल की सजा सुनाई गई है।

By Sachidanand MishraEdited By: Pragati ChandPublished: Sat, 01 Oct 2022 05:08 PM (IST)Updated: Sat, 01 Oct 2022 05:08 PM (IST)
Maharajganj News: मारपीट के मामले में तीस साल बाद आया कोर्ट का फैसला, पांच आरोपितों को तीन साल की सजा
मारपीट के मामले में तीस साल बाद आया कोर्ट का फैसला। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महराजगंज, जागरण संवाददाता। 30 वर्ष पूर्व सिंदुरिया थाना क्षेत्र के रामपुर मीर गांव में हुई दो पक्षों में मारपीट के मामले में जिला न्यायालय ने पांच लोगों को दोषी मानते हुए तीन वर्षों के कारावास की सजा सुनाई है। यह आदेश अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सेठ की अदालत ने दी है।

loksabha election banner

यह है मामला

पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ ने बताया कि पुलिस के आपरेशन शिकंजा के तहत पुराने से पुराने मामले में बेहतर तरीके से पैरवी करके आरोपितों को सजा दिलाए जाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में वर्ष 1993 में रामपुरमीर गांव में वादी रामनिवास यादव द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमें में दोषी पाए जाने पर हरिवंश पाठक, ओमप्रकाश, बदरी पाठक, रमाकांत पाठक और नेउर लोनिया को तीन वर्ष की सजा सुनाई गई है।

इसे भी पढ़ें, महाभारत काल से जुड़ा है लेहड़ा देवी मंदिर का इतिहास, महराजगंज के जंगल में बसा है मां का दरबार

जमानत याचिका निरस्त

महराजगंज जिले के श्यामदेउरवा क्षेत्र के एक गांव की युवती को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने और चार माह तक दुष्कर्म करने के आरोपित की जमानत याचिका न्यायालय ने निरस्त कर दी है। अपर सत्र/विशेष न्यायाधीश पवन कुमार श्रीवास्तव ने आरोपित अजय की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है। जमानत याचिका का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक फणीन्द्र कुमार त्रिपाठी ने न्यायालय को अवगत कराया कि वादी की 19 वर्षीया बेटी को शादी का झांसा देकर गांव का ही रहने वाला अजय 28 मार्च-22 को भगाकर बंगलुरू ले गया। वहां चार माह तक उसका शारीरिक शोषण करते हुए 17 जुलाई को गांव के बाहर छोड़कर भाग गया। इस मामले में श्यामदेउरवा पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की थी। न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपित की जमानत याचिका को निरस्त कर दिया है।

इसे भी पढें, अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस: युवाओं को चुनौती दे रही बुजुर्गों की जिंदादिली, उम्र को पीछे छोड़ मिसाल बने यह लोग


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.