जागरण संवाददाता, निचलौल (महाराजगंज) : लखनऊ के कुकरैल स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र से 120 घड़ियालों को लाकर सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग से होकर बहने वाली नारायणी नदी में छोड़ा गया। शनिवार की सुबह प्लास्टिक के 120 बाक्सों में रखकर डीसीएम से घड़ियालों को नारायणी नदी के एनसी बांध के ठोकर नंबर एक पर लाया गया। यहां डीएम सत्येन्द्र कुमार, एसपी डा. कौस्तुभ, डीएफओ पुष्प कुमार के व एडीएम डा. पंकज वर्मा की उपस्थिति में वनकर्मियों ने घड़ियालों को नदी में छोड़ा। नदी में जाते ही घड़ियाल तेज गति से पानी में ओझल हो गए। सभी घड़ियालों की औसत उम्र तीन से चार वर्ष के बीच है। इनमें 15 नर व 105 मादा हैं। जिनकी लंबाई 120 से 180 सेमी है।

नारायणी नदी के एनसी बांध पर घड़ियालों को देखने के लिए भीड़ लग गई। वनकर्मियों द्वारा प्लास्टिक के बाक्सों को उतार कर नारायणी नदी के किनारे ले जाया गया।

सपरिवार पहुंचे डीएम, एसपी, एडीएम व डीएफओ ने बाक्स से एक-एक घड़ियालों को नदी में छोड़ा। प्लास्टिक के पाइप का मुंह नदी की तरफ कर उसे खोला गया। देखते ही देखते एक-एक कर के सभी घड़ियाल नदी में चले गए।

डीएफओ ने बताया कि जिस प्रकार जंगल में शेर की उपस्थिति स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वस्थ होने का परिचायक है, उसी तरह जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के स्वस्थ रहने का सबसे बड़ा प्रमाण घड़ियाल होते हैं। इनके लिए स्वच्छ जल व धारा युक्त जल अनुकूल माना जाता है। घड़ियाल हिंसक नहीं हाेते हैं। इस अवसर पर क्षेत्राधिकारी सूर्यबली मौर्य, रेंजर सुनील राव, मनीष सिंह, अखिलेश कुमार, अभिषेक सिंह, रविन्द्र प्रताप, मनोज कुमार, बृजमोहन, रमेश कुमार,अशोक,सिंह मौजूद रहे।

इससे पूर्व भी नदी में छोड़े जा चुके हैं 55 घड़ियाल

नारायणी नदी में इससे पूर्व भी मार्च 2019 में 40 व अक्टूबर 2018 में 15 घड़ियाल वन विभाग द्वारा कुकरैल स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र से लाकर नदी में छोड़ा गया था। सभी घड़ियालों की टैगिंंग भी की गई थी। नदी का वातावरण घड़ियालों के लिए अनुकूल होने के चलते शनिवार को 120 घड़ियाल और छोड़े गए।

Edited By: Nirmal Pareek