जबड़े में बालक को दबाकर जंगल में भागा तेंदुआ, मौत
खेत में काम कर रहे माता-पिता के पास जा रहा था बालक
महराजगंज: नौतनवा थानाक्षेत्र के सेमरहवा गांव के पास गुरुवार की शाम को जंगल से अचानक निकले तेंदुए ने सात वर्षीय बालक की जान ले ली। बालक छोटेलाल शाम छह बजे खेत में सिंचाई कर रहे माता-पिता के पास जा रहा था। इसी बीच तेंदुए ने हमला कर उसे जबड़े में दबा लिया और जंगल की तरफ भाग निकला। घटना को लेकर गांव में दहशत का माहौल है। वन विभाग की टीम गांव में जमी हुई है।
सेमरहवा गांव टोला बर्तानी निवासी मनोज राजभर और उनकी पत्नी जंगल के किनारे खेत में सिंचाई कर रहे थे। मनोज का बेटा छोटेलाल शाम को खेत की ओर जा रहा था। अभी वह जंगल के किनारे बांध पर पहुंचा था कि तेंदुए ने हमला कर दिया। बालक की चीख सुनकर आसपास के लोगों ने तेंदुए का पीछा किया। जंगल में कुछ दूर जाने के बाद तेंदुए ने बालक को छोड़ दिया। खोजते हुए ग्रामीण जंगल में पहुंचे। वहां बालक मिल तो गया, लेकिन उसकी मौत हो चुकी थी। मनोज राजभर ने बताया कि पत्नी के साथ वह खेत में सिंचाई कर रहा था। बेटा उनके पास आ रहा था। इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि तेंदुए के हमले से बालक की मौत हो गई है। डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि तेंदुए के हमले से बालक की मौत की सूचना मिली है। एसडीओ और रेंजर को मौके पर भेजा गया है। लोगों को घरों में रहने की सलाह दी गई है। एक दिसंबर से बाघ संरक्षण माह मनाएगा वन विभाग
महराजगंज: आगामी एक दिसंबर से 31 दिसंबर तक वन विभाग के तत्वावधान में बाघ संरक्षण माह मनाया जाएगा। इसके तहत सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के सभी रेंज में जंगल और जंगली जानवरों की सुरक्षा, संरक्षण को लेकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। मुख्य रूप से जंगल में बाघ और तेंदुआ आदि के संरक्षण और उनके बचाव को लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्य जीव लखनऊ पवन कुमार शर्मा के निर्देश के बाद डीएफओ पुष्प कुमार के. ने सभी वन क्षेत्राधिकारियों को तैयारी का निर्देश दिया है ।
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग वन्य प्राणियों के लिए महत्वपूर्ण है। यहां के शिवपुर, निचलौल, मधवलिया, चौक उत्तरी व दक्षिणी समेत पकड़ी व लक्ष्मीपुर रेंज क्षेत्र पूरी तरह से सेंचुरी हैं। यहां बाघ की उपस्थिति भी मानी जाती है। पिछले दिनों चौक रेंज के जंगल में एक बाघिन का शव बरामद हुआ था। यहां काफी संख्या में तेंदुआ व अन्य वन्य जीव हैं। डीएफओ पुष्प कुमार के. ने बताया कि प्रत्येक वर्ष दिसंबर महीने में बाघ संरक्षण माह मनाया जाता है।