महराजगंज में लूट के आभूषण बरामद, जेल भेजे गए तीनों हत्यारोपित
एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के मदरहा ककटही निवासी सराफा व्यवसायी उमेश वर्मा की पत्नी गीता वर्मा ने 16 नवंबर को पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए अनहोनी की आशंका जताई थी। पत्नी का आरोप था कि उसके पति उमेश वर्मा बृजमनगंज थाना क्षेत्र के कुकरहवा निवासी बबलू लोध उर्फ शेरबहादुर के बुलाने पर घर से आभूषण लेकर निकले थे। बबलू लोध के पास उनका तीन हजार रुपये का हिसाब बकाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्विलांस टीम की मदद ली गई और मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया।
महराजगंज : पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के मदरहा ककटही निवासी सराफा व्यवसायी की हत्या में संलिप्त तीनों आरोपितों को पुलिस ने पूछताछ के बाद शनिवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। सराफा व्यवसायी से लूटे गए डेढ़ लाख रुपये के आभूषण के साथ साइकिल व मोबाइल भी पुलिस ने बरामद कर लिया है।
एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के मदरहा ककटही निवासी सराफा व्यवसायी उमेश वर्मा की पत्नी गीता वर्मा ने 16 नवंबर को पति की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते हुए अनहोनी की आशंका जताई थी। पत्नी का आरोप था कि उसके पति उमेश वर्मा बृजमनगंज थाना क्षेत्र के कुकरहवा निवासी बबलू लोध उर्फ शेरबहादुर के बुलाने पर घर से आभूषण लेकर निकले थे। बबलू लोध के पास उनका तीन हजार रुपये का हिसाब बकाया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए सर्विलांस टीम की मदद ली गई और मुख्य आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया। हत्याकांड में शामिल अन्य बदमाशों कवलपुर निवासी उमेश उर्फ उमाशंकर व शैलेंद्र को भी रात में गिरफ्तार कर लिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में व्यवसायी की मौत का कारण दम घुटना पाया गया है। आरोपितों से पूछताछ में मिली जानकारी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक सराफा व्यवसायी की हत्या गला घोंटकर की गई थी। घटना के ही दिन मुख्य आरोपित भागकर अपनी ससुराल नेपाल चला गया था, लेकिन प्रतिदिन पगडंडी के रास्ते भारत के सीमा क्षेत्र में आता रहता था। इसी के चलते वह पुलिस की गिरफ्त में आ गया। मोबाइल नंबर से पकड़े गए आरोपित
घटना के दिन सराफा व्यवसायी उमेश वर्मा के मोबाइल की बैट्री लो थी। जब वह मुख्य आरोपित के बुलावे पर बाहर जाने लगा तो पत्नी से आरोपित के मोबाइल पर बात होने की बात कहकर नंबर उसको देता गया। उस नंबर के आधार पर जब जांच शुरू हुई तो आरोपित बबलू लोध व उसके साथी शैलेंद्र व उमेश उर्फ उमाशंकर का भी नाम सामने आ गया।