छाया रहा सरकारी चिकित्सकों के उत्पीड़न का मुद्दा
महराजगंज : जिला चिकित्सालय में प्रांतीय चिकित्सा संघ की मंगलवार को हुई बैठक में सरकारी चिकित्सकों के
महराजगंज : जिला चिकित्सालय में प्रांतीय चिकित्सा संघ की मंगलवार को हुई बैठक में सरकारी चिकित्सकों के उत्पीड़न का मुद्दा छाया रहा। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की उपेक्षात्मक नीति से सरकारी चिकित्सकों का टेंशन बढ़ रहा है और इसका असर स्वास्थ्य व कार्यों पर पड़ रहा है। जिलाध्यक्ष डा. एके राय ने कहा कि सीएचसी रतनपुर के पूर्व प्रभारी चिकित्साधिकारी डा. अशोक कुमार ने पारिवारिक परिस्थितियों के तहत कार्य करने में असमर्थता जताते हुए लिखित आवेदन किया था पर छह माह बीत गए कोई कार्रवाई नहीं की गई और न ही अवकाश दिया गया। यही नहीं 27 अगस्त को जिलाधिकारी ने डा: अशोक कुमार को प्रतिकूल प्रविष्टि दे दी और स्थानांतरण करने का निर्देश दे दिया। चिकित्सक के साथ इस तरह की कार्रवाई की प्रांतीय चिकित्सा संघ ¨नदा करता है और कार्रवाई वापस लेने की मांग करता है। सचिव डा. केपी ¨सह ने कहा कि काम के घंटे तय न होने से चिकित्सक मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ अनुभव नहीं कर रहे हैं। इससे चिकित्सकों का टेंशन बढ़ रहा है और इसका असर मरीजों पर पड़ रहा है। इसलिए मरीजों व चिकित्सकों के हित में कार्य के घंटे तय किए जाएं। जिला स्वास्थ्य समिति के अध्यक्ष पद पर किसी अच्छे व्यक्ति की नियुक्ति की जाए। इसके साथ ही संविदा कर्मचारी व संविदा चिकित्साधिकारी की जवाबदेही भी तय की जाए। वेतन व लंबित देयकों का भुगतान समय से कराया जाए। उपाध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने कहा कि सार्वजनिक अवकाश के दिन कोई बैठक व कार्यक्रम न कराया जाए। इस अवसर पर डा. सीमा राय, डा. दिवाकर राय, डा. वीर विक्रम ¨सह, डा. मुकेश गुप्त, डा. एमपी सोनकर, डा. श्यामबाबू, डा. राजेश द्विवेदी, डा ओम शिव मणि आदि चिकित्सकों ने विचार व्यक्त किया। कहा कि उत्पीड़न बंद न होने पर सरकारी चिकित्सक आंदोलन को बाध्य होंगे।