महराजगंज में भारत-नेपाल सीमा पर एकीकृत जांच चौकी बनाने काम शुरू, एक छत के नीचे मिलेगी सभी सुविधाएं
भारत-नेपाल बार्डर पर मालवाहक और यात्री वाहनों के आवागमन के लिए एकीकृत जांच चौकी स्थापित करने का काम शुरू हो गया है। डीएम का कहना है कि वाहनों की सुचारू आवाजाही हो और लोगों की असुविधाएं कम हों इसके लिए चौकी का निर्माण शुरू हो गया है।
महराजगंज, पीटीआई। महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा पर मालवाहक और यात्री वाहनों की सुचारू आवाजाही के लिए एकीकृत जांच चौकी बनाने का काम शुरू हो गया है। जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने कहा कि महाराजगंज के बौद्ध सर्किट के अंतरराष्ट्रीय निकास बिंदु सोनौली में राज्य की पहली एकीकृत जांच चौकी बनेगी।
सीमा के दोनों ओर बनाई जा रही चौकियां
सोनौली में विदेशों से आने वाले यात्रियों व पर्यटकों को अच्छी सुविधा मिले इसके मापदंड के आधार पर इसे विकसित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बताया कि सीमा शुल्क और आव्रजन सुविधाओं को एक छत के नीचे लाकर सीमा पार मालवाहक ट्रकों की आवाजाही को व्यवस्थित करने के लिए भारत-नेपाल सीमा के दोनों ओर एकीकृत चौकियां बनाई जा रही हैं। डीएम ने कहा कि 2004 में, भारत सरकार ने सोनौली में एक एकीकृत चौकी के निर्माण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि लखनऊ से लगभग 300 किमी उत्तर पूर्व में सोनौली शहर के पास शेखफरेंदा गांव के केवतलिया टोला के पास गृह मंत्रालय की देखरेख में चारदीवारी का निर्माण शुरू हो गया है।
ये होगी सुविधाएं
चेकपॉइंट में पांच हजार वाहनों की पार्किंग संभव होगी, जिसमें रेफ्रिजरेटेड कार्गो सुविधाओं, चिकित्सा, संयंत्र और पशु संगरोध क्षेत्रों सहित वेयरहाउसिंग जैसे निर्यात और आयात कार्गो-हैंडलिंग सुविधाएं होंगी। जिलाधिकारी ने कहा कि ड्राइवरों और यात्रियों के लिए सुविधाएं, सीसीटीवी और अन्य सुरक्षा प्रणालियां भी उपलब्ध होंगी।
700 करोड़ से होगा निर्माण
डीएम ने कहा कि कार्गो हैंडलिंग के लिए व्यवस्थित दृष्टिकोण को बढ़ावा देने, समय की बचत करने और आगंतुकों के लिए सुविधा उपलब्ध कराने व सीमा पार व्यापार और वाणिज्य के को बढ़ावा देने के लिए एकीकृत जांच चौकी के निर्माण का निर्णय लिया गया है। यह चौकी 700 करोड़ रुपये की लागत से 143 एकड़ क्षेत्र में बनाई जाएगी। जुगौली व सुकरौली गांव से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 से जोड़ने के लिए सड़क बनाई जाएगी।
भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा
डीएम ने कहा कि भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है क्योंकि परियोजना के लिए 300 किसानों की भूमि का अधिग्रहण किया जा चुका है। राजस्व विभाग के अधिकारी के मुताबिक, 288 किसानों से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। शेष 12 भू-स्वामियों के साथ औपचारिकताएं जारी हैं क्योंकि वे विदेश में हैं। अधिकारी ने कहा कि उनके लौटते ही अधिग्रहण का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 79 करोड़ रुपये में जमीन का अधिग्रहण किया गया है।