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India Nepal Border से सटे हर गांव में बिना मान्यता चल रहे मदरसे, खाड़ी देशों से मिल रही मदद- धार्मिक शिक्षा पर जोर

भारत नेपाल सीमा से सटे हर गांव में बिना मान्यता के मदरसे चल रहे हैं। सीमावर्ती क्षेत्र में बिना मान्यता के संचालित गौसुल उलूम निजामिया मदरसा मिला है। इन मदरसों में धार्मिक शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है। जबकि हिन्दी अंग्रेजी गणित आदि विषय कमजोर पाए गए हैं।

By Vishwa Deepak TripathiEdited By: Pragati ChandPublished: Tue, 20 Sep 2022 06:23 PM (IST)Updated: Tue, 20 Sep 2022 06:23 PM (IST)
India Nepal Border से सटे हर गांव में बिना मान्यता चल रहे मदरसे, खाड़ी देशों से मिल रही मदद- धार्मिक शिक्षा पर जोर
India Nepal Border से सटे हर गांव में बिना मान्यता चल रहे मदरसे। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

महराजगंज, जागरण संवाददाता। नेपाल सीमा से सटे भारतीय क्षेत्र के हर गांव में मदरसे संचालित हैं। नो मेंस लैंड के किनारे चल रहे इन मदरसों में भारत के साथ ही नेपाल के रुपंदेही व नवलपरासी जिले के बच्चे भी मजहबी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सरकारी अभिलेखों में महराजगंज जिले में इस समय 291 मदरसे संचालित हैं। हालांकि बिना मान्यता के भी बड़ी संख्या में मदरसे चल रहे हैं।

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खाड़ी देशों से आ रहे चंदा के भरोसे हैं मदरसे

अधिकांश मदरसों का संचालन खाड़ी देशों से आ रहे चंदा के भरोसे है। इन्हें नेपाल से भी मदद मिल रही है। शासन के निर्देश पर जब जांच शुरू हुई तो इनकी कलई परत दर परत खुलने लगी है। सीमा से सटे हरदी डाली में दारुल उलूम अहलेसुन्नत गौसुल उलूम निजामिया मदरसा तीन वर्ष से बिना मान्यता के संचालित मिला। पिपरा, मुंडेरी, अशोगवा, बरगदवा, रमगढ़वा, कोहरगड्डी, छितवनिया आदि गांवों में भी कुछ मदरसे इसी तरह से चल रहे हैं । जांच का दायरा बढ़ने पर अवैध रूप से चल रहे कुछ मदरसों को उनके संचालकों ने स्वत: ही बंद कर दिया है।

उर्दू- फारसी में तेज, गणित-विज्ञान से अंजान

जिले के सभी मदरसों की जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व उपजिलाधिकारी की त्रिस्तरीय समिति द्वारा जांच की जा रही है। यहां के छात्रों में हिन्दी, अंग्रेजी, गणित व विज्ञान के पठन- पाठन का स्तर निम्न पाया गया है। दो दिन पूर्व टीम ने सोनौली के अलजामेअतुल निमाजिया मदरसे की जांच की तो छात्र उर्दू व फारसी के प्रश्नाें का सही उत्तर दिए, लेकिन हिन्दी, अंग्रेजी, गणित के संबंध में पूछे गए प्रश्नों को लेकर चुप्पी साध गए। यहां कक्षा एक से 12 तक 525 छात्र पंजीकृत हैं। मदरसा अरबिया अहले सुन्नत मिसबाहुल ओलूम कुनसेरवा में भी यही हाल देखने को मिला।

इन गांवों में संचालित हो रहे मदरसे

सीमा से सटे पिपरा, मुंडेरी, अशोगवा, बरगदवा, रमगढ़वा, कोहरगड्डी, छितवनिया, दोगहरा, असुरैना, अमहवा, सगरहवा, परसामलिक, मुजहना, श्रीनगर, शिवपुरी, महुलानी, परसौनी,विषखोप, हरलालगढ़, करौता, शीशमहल, बेलभार खास, परसहवा, नौडिहवा आदि गांवों में मदरसे संचालित हैं। कहीं एक तो कहीं दो-दो मदरसे भी चल रहे हैं। यहां अधिकांश मदरसे बिना मान्यता के हैं।

भारतीय मौलाना कर रहे नेपाल के मदरसों का संचालन

नेपाल के रुपंदेही जिले में 100 से अधिक मदरसे संचालित हैं। इनमें 15 मदरसों की गतिविधियां संदिग्ध पाई गई हैं। बुटवल में स्थित रजा ए मुस्तफा को संचालित करने वाले मौलाना महराजगंज जिले के निवासी हैं। मसीना वार्ड नंबर सात लुंबिनी में चल रहे निस्वा मदरसे को भी एक भारतीय मौलाना संचालित कर रहे हैं।

क्या कहते हैं अधिकारी

महराजगंज जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी लालमन ने बताया कि जिले में तीन सदस्यी टीम द्वारा मदरसों की जांच की जा रही है। अभी एक मदरसा बिना मान्यता के संचालित मिला है। 29 सितंबर तक सर्वे का कार्य पूरा कर शासन को रिपोर्ट भेज दी जाएगी।


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