प्रभु चरणों में केवट का प्रशस्त हुआ मुक्ति मार्ग
महराजगंज: सिसवा विकास खंड के ग्राम सभा बड़हरा महंथ भगवान जगन्नाथ मंदिर में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव
महराजगंज: सिसवा विकास खंड के ग्राम सभा बड़हरा महंथ भगवान जगन्नाथ मंदिर में चल रहे श्रीराम कथा महोत्सव में आचार्य स्वामी रंगराज रामानुज दास ने अपनी कथा में अमृत रसवर्षा का रसपान कराते हुए कहा कि प्रभु राम मर्यादा के प्रतीक है। उन्होंने कभी भी ऊंच नीच का भेद नहीं रखा। केवट ने उनके चरण धोकर अपने मुक्ति का मार्ग प्रशस्त कर लिया। जिसे प्रभु श्रीराम ने सहर्ष स्वीकार कर लिया था।
उन्होंने कहा कि केवट प्रभु श्रीराम का अनन्य भक्त था। अयोध्या के राजकुमार प्रभु श्रीराम केवट जैसे सामान्यजन का निहोरा करते हैं। यह समाज की व्यवस्था की अछ्वुत घटना है। केवट चाहता था कि वह अयोध्या के राजकुमार का पांव पखारे। उनका सान्निध्य प्राप्त करें। उनके साथ नाव में बैठकर अपना खोया हुआ सामाजिक अधिकार प्राप्त करें। अपने संपूर्ण जीवन की मंजूरी का फल पा जाए। राम वह सब करते हैं, जैसा केवट चाहता है। उसके श्रम को पूरा मान-सम्मान देते हैं। केवट राम राज्य का प्रथम नागरिक बन जाता है। राम त्रेता युग की संपूर्ण समाज व्यवस्था के केंद्र में हैं, इसे सिद्ध करने की जरूरत नहीं है। उसके स्थान को समाज में ऊंचा करते हैं। इस अवसर पर मुख्य यजमान महंथ संकर्षण रामानुज दास, इंद्रजीत गुप्ता, गुलाब, राजकुमार, रमाशंकर, राजेंद्र, दुर्गेश, दूधनाथ, गंगाधर, हरिलाल आदि उपस्थित रहे।