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तीन अस्पताल संचालकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा

जागरण संवाददाता निचलौल कस्बे के तीन अस्पताल की ओटी सील होने के बाद भी संचालित करने के मा

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:41 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:41 PM (IST)
तीन अस्पताल संचालकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा
तीन अस्पताल संचालकों पर धोखाधड़ी का मुकदमा

जागरण संवाददाता, निचलौल: कस्बे के तीन अस्पताल की ओटी सील होने के बाद भी संचालित करने के मामले में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेन्द्र प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने मंगलवार को तीनों के संचालकों के विरुद्ध धोखाधड़ी सहित अन्य संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।

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थाना प्रभारी निरीक्षक रामाज्ञा सिह ने बताया कि बीते दिनों शहर के ठूठीबारी मार्ग स्थित आराध्या हास्पिटल के अलावा सिसवा मार्ग स्थित रवि हास्पिटल और चमनगंज पुल मार्ग स्थित शिवम हास्पिटल को अपर मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा सील किया गया था। तीनों के संचालकों द्वारा धोखाधड़ी करते हुए अस्पताल संचालित किया जा रहा था।

तहरीर के आधार पर आराध्या हास्पिटल के संचालक सुदर्शन विश्वकर्मा, निवासी विस्मिल नगर महराजगंज, रवि हास्पिटल के संचालक रविन्द्र निवासी पश्चिमी चम्पारण बिहार व शिवम हास्पिटल के कर्मवीर सिंह ढेसों के विरुद्ध धोखाधड़ी के अलावा इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

अस्पताल के विरुद्ध विधिक करवाई की संस्तुति

- शिफा क्लिनिक के डाक्टर द्वारा बच्चे के इलाज में लापरवाही का मामला

- एसडीएम ने जिलाधिकारी को भेजी जांच रिपोर्ट

जासं, कोल्हुई: बड़िहारी निवासी अमरेंद्र के पुत्र अभिजीत के हाथ फ्रैक्चर के इलाज में लापरवाही की पुष्टि होने पर जांच अधिकारी ने चिकित्सक के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की संस्तुति करते हुए डीएम को रिपोर्ट भेजा है।

बड़िहारी निवासी अमरेंद्र ने बताया कि 23 मार्च को बेटे के हाथ का शिफा क्लिनिक में इलाज कराया। डाक्टर ने एक्सरे करके प्लास्टर लगा दिया गया। दवा देकर घर भेज दिया गया। कुछ दिन बाद हाथ में असहनीय दर्द होने पर बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचा। डाक्टर ने प्लास्टर हटाया तो बच्चे का हाथ सड़ चुका था। इसके बाद बच्चे का इलाज सिद्धार्थनगर में कराया।

पिता की शिकायत पर एसडीएम दिनेश मिश्रा के देखरेख में बृजमनगंज अधीक्षक डा.दिवाकर राय ने जांच की। इसमें पाया गया कि अस्पताल में लगा एक्सरे सिस्टम बिना विभागीय अनुमति के लगा है। यह यूनानी और आयुर्वेदिक दवा के लिए पंजीकरण है। एक्सरे या अन्य गंभीर इलाज के लिए अधिकृत न होते हुए भी इलाज किया। जिस वजह से बच्चे के साथ इतनी दिक्कतें आई। बच्चे के इलाज में लापरवाही बरती गई है। इस वजह से डाक्टर के खिलाफ विधिक करवाई करना जायज है।

एसडीएम दिनेश मिश्रा ने बताया कि अग्रिम करवाई के लिए जांच रिपोर्ट डीएम को भेज दिया गया है।


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