वन माफिया ने एक ही रात में काटे सात पेड़
महराजगंज: फरेंदा वन रेंज में अवैध कटान तेज हो गई है। विभागीय मिलीभगत से तस्कर पेड़ों पर कुल्हाड़ी
महराजगंज:
फरेंदा वन रेंज में अवैध कटान तेज हो गई है। विभागीय मिलीभगत से तस्कर पेड़ों पर कुल्हाड़ी बजा रहे हैं। इन दिनों जगह जगह फर्नीचर उद्योग फल फूल रहे हैं। स्थित यह है कि वन माफिया शाम होते ही अपने काम पर लग जाते हैं। दिन के उजाले में भी इनकी कुल्हाडी हरे पेड़ों पर चोट पहुंचा रही है। सोमवार को खुर्रमपुर बीट में काटे गए छह सागौन के पेड़ व बरडाड में एक साखू का पेड़ वन माफियाओं की सक्रियता की कहानी बयां कर रही है। तस्करों द्वारा जंगल में नाले के पास एक ही रात में कीमती सागौन को काटा गया है। जिससे सरकार की लाखों की संपदा का नुकसान हो रहा है। पेड़ों की अंधाधुंध कटान से जहां एक तरफ वन संपदा को क्षति पहुंच रही है, वहीं सरकारी धन का दुरुपयोग भी हो रहा है।
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फरेंदा जंगल पर एक नजर:
फरेंदा वन क्षेत्र 5500 हेक्टेयर में फैला हुआ है। जबकि कैम्पियरगंज क्षेत्रफल 2800 हेक्टेयर में है। फरेंदा क्षेत्र का जंगल पांच बीटों में बटा हुआ है। सदर, बरड़ाड, खुर्रमपुर, सूरपार व गिरधरपुर शामिल है।
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बरामदगी बयां कर रही हकीकत:
21 नवंबर को 18 बोटा साखू व सागौन की लकड़ी
16 नवंबर में 12 बोटा साखू की लकड़ी पोखरियापुर व पाठकपुर गांव के पास बरामद वन विभाग की टीम ने बरामद किया।
27 सितंबर को पिकअप व लकड़ी बरामद
24 अगस्त को पिकअप व लकड़ी बरामद
4 अगस्त को 14 बोटा सागौन की लकड़ी बरामद
28 जुलाई को आठ बोटा साखू की लकड़ी बरामद
24 जुलाई को बरडाड बीट में पिकअप व नौ बोटा लकड़ी बरामद
18 जुलाई को सदर बीट में सात बोटा साखू की लकड़ी बरामद
6 जून को बरडाड बीट से सागौन का 13 बोटा की लकड़ी बरामद
14 दिसंबर को नसरापुर से 8 बोटा
16 दिसंबर को वरडाड व सदर बीट से कुल 12 वोटा साखू की लकड़ी बरामद किया गया ।