सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी ग्रामीण भारत की झलक
स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि वह नर की सेवा करते हैं क्योंकि नर ही नारायण है।
महराजगंज: नगर स्थित एक मैरेज हाल में वनवासी कल्याण आश्रम का तीसरा वार्षिकोत्सव व जनजातीय दिवस धूमधाम से मनाया गया। वार्षिक उत्सव समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान वनवासी आश्रम के बच्चों ने अपनी क्षेत्र की संस्कृति पर रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री सतीश द्विवेदी ने कहा कि वनवासियों के अपने रीति-रिवाज हैं और परंपराएं हैं। वर्तमान समय में भारत में लगभग 11 करोड़ हिन्दुस्तानी पर्वतों वनों व वनवासी के रूप में रहते हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भी कहा था कि वह नर की सेवा करते हैं क्योंकि नर ही नारायण है। इसी भावना के साथ वनवासी कल्याण आश्रम भी वनवासियों के बीच देश भर में कार्य कर रहा है। वनवासी कल्याण आश्रम की स्थापना सन1952 में 12 करोड़ जनजाति समाज के धर्म संस्कृति परंपरा, पूजा, प्रतिष्ठा सुरक्षित रखते हुए उनके सर्वांगीण विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेलकूद तथा श्रद्धा जागरण के माध्यम से कार्यरत हैं। राष्ट्रीय महामंत्री गंगा महासभा अखिल भारतीय संत समिति के स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि वनवासी कल्याण आश्रम का उद्देश्य आदिवासी समाज में स्वधर्म के प्रति स्वाभिमान का भाव जाग्रत करना और उनकी परंपरा व विश्वास के भारतीय संस्कृति के साथ एकरूप होने और राष्ट्र के साथ एकात्मता का उन्हें अनुभव कराना है। नगरवासियों और वनवासियों के बीच समरसता भी इसका उद्देश्य है। प्रांत प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सुभाष, जिलाध्यक्ष भाजपा परदेशी रविदास, बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल, जगदीश गुप्त, समीर त्रिपाठी, प्रदीप सिंह, नंदलाल जायसवाल, उमेश आसवानी आदि मौजूद रहे। संचालन जनमेजय सिंह ने किया।