जांच में मिली खामियां, तीन सदस्यीय टीम देखेगी काम
गड़बड़ी से संबंधित डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दिया है। अब तीन सदस्यीय कमेटी जिला पंचायत का काम-काज देखेगी।
सिद्धार्थनगर: गड़बड़ी से संबंधित डीएम की रिपोर्ट पर शासन ने जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास के वित्तीय एवं प्रशासनिक अधिकारों पर रोक लगा दिया है। अब तीन सदस्यीय कमेटी जिला पंचायत का काम-काज देखेगी। तीन सदस्यी टीम में जिला पंचायत सदस्य किसमाती, सुजाता सिंह व कुसुमलता को शामिल किया गया है। प्रकरण की जांच की जिम्मेदारी बस्ती मंडलायुक्त अनिल सागर को सौंपी गई है।
करीब एक साल से जिला पंचायत में कराये गए विकास कार्यो की शिकायत की गई थी। मामले की जांच टीम स्वयं कर रहे थे। शुक्रवार की देर शाम डीएम की जांच रिपोर्ट में अनियमितता व गड़बड़ी का आरोप सही पाया गया। डीएम ने जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित किया था। शासन ने रिपोर्ट को आधार बनाते हुए अध्यक्ष के कार्य करने पर रोक लगा दी। विरोधी खेमे में खुशी की लहर है। उत्तर प्रदेश शासन पंचायती राज अनुभाग-दो की सचिव प्रीति शुक्ला ने जारी आदेश में कहा कि जिपं अध्यक्ष की अनियमितताओं की जांच जिलाधिकारी द्वारा कराई गई। उनके द्वारा जांच रिपोर्ट में दोषी पाया गया है। अंतिम जांच पूरे होने तक जिला पंचायत अध्यक्ष के वित्तीय एवं प्रशासनिक शक्तियों तथा कृत्यों के प्रयोग व संपादन पर रोक लगाई जाती है। अंतिम जांच के लिए आयुक्त बस्ती मंडल को जांच अधिकारी नियुक्त किया जाता है। शासन का पत्र मिलने के बाद शनिवार को डीएम कुणाल सिल्कू ने इसकी पुष्टि की ।
जिला पंचायत अध्यक्ष गरीब दास ने कहा कि अनुसूचित वर्ग से होने के नाते हमारे साथ ऐसा हुआ है। सबका साथ सबका विकास का नारा सिर्फ छलावा है। राजनीति से ग्रस्त होकर यह काम हुआ है। मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं। सारे आरोप निराधार हैं। इसका जवाब उन्हें जनता चुनाव में देगी।