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रेफर सेंटर बने सीमावर्ती क्षेत्र के सरकारी अस्पताल

सीमावर्ती क्षेत्र के सरकारी अस्पताल रेफरल सेंटर के रूप में तब्दील हो चुके हैं। जहां तक चिकित्सा उपकरणों का सवाल है, तो रख-रखाव और तकनीकी चिकित्सा कर्मियों की तैनाती न होने से उसमे भी जंग लगता जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 11:07 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 11:07 PM (IST)
रेफर सेंटर बने सीमावर्ती क्षेत्र के सरकारी अस्पताल
रेफर सेंटर बने सीमावर्ती क्षेत्र के सरकारी अस्पताल

महराजगंज: सीमावर्ती क्षेत्र के सरकारी अस्पताल रेफरल सेंटर के रूप में तब्दील हो चुके हैं। जहां तक चिकित्सा उपकरणों का सवाल है, तो रख-रखाव और तकनीकी चिकित्सा कर्मियों की तैनाती न होने से उसमे भी जंग लगता जा रहा है। इसका खामियाजा मरीजों को उठाना पड़ रहा है। तहसील क्षेत्र में आधा दर्जन से अधिक पीएचसी, सीएचसी संचालित हैं। इन अस्पताल में चिकित्सकों की तैनाती भी की गई है। इसके अलावा सरकार ने संविदा पर आयुष चिकित्सकों की भी नियुक्ति की है। इसके पीछे शासन की मंशा यही है कि मरीजों को तत्काल स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सके। बावजूद इसके तैनात चिकित्सक बहुत कम ही स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचते हैं। उच्चाधिकारियों के निरीक्षण में चिकित्सक अनुपस्थित भी पाए जाते हैं, लेकिन विभाग उनके खिलाफ कार्रवाई की जगह खानापूर्ति ही करता है, जिससे उनका मनोबल बढ़ता ही जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. क्षमा शंकर पांडेय ने कहा कि अस्पतालों पर नियमित रूप से चिकित्सकों को उपस्थित रहने व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। अगर लापरवाही बरती गई तो संबंधित चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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