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अस्पताल में रात्रि विश्राम नहीं करते हैं चिकित्सक

शासन का सख्त निर्देश है कि अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर ही चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी रात्रि विश्राम करें। ताकि जरूरत पड़ने पर भी रात्रि में मरीजों का उपचार हो सके, लेकिन तहसील क्षेत्र में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल की रात्रिकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 12 Nov 2018 10:39 PM (IST)Updated: Mon, 12 Nov 2018 10:39 PM (IST)
अस्पताल में रात्रि विश्राम नहीं करते हैं चिकित्सक
अस्पताल में रात्रि विश्राम नहीं करते हैं चिकित्सक

महराजगंज: शासन का सख्त निर्देश है कि अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर ही चिकित्सक व अन्य स्वास्थ्य कर्मी रात्रि विश्राम करें। ताकि जरूरत पड़ने पर भी रात्रि में मरीजों का उपचार हो सके, लेकिन तहसील क्षेत्र में इसका पालन होता नहीं दिख रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पताल की रात्रिकालीन स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा जा रही है। फरेंदा तहसील क्षेत्र के अधिकांश सीएचसी व पीएचसी केंद्रों पर चिकित्सक रात्रि विश्राम नहीं करते हैं। इसका दंश स्वास्थ्य केंद्रों की शरण लेने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। इन स्वास्थ्य केंद्रों में बृजमनगंज, बहदुरी, धानी, महदेवा स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सकों द्वारा रात्रि विश्राम नहीं किया जाता है। मजबूरी में लोग झोलाछापों से इलाज कराने को विवश हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर तैनात अधिकांश चिकित्सक तैनाती स्थल से काफी दूर नगर क्षेत्र में प्राइवेट ठौर-ठिकाना बनाकर रहते हैं। जिससे यहां उन्हें प्राइवेट प्रैक्टिस भी करने का मौका मिल जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी क्षमाशंकर पांडेय ने कहा कि यह शिकायत गंभीर है। सभी चिकित्सकों को कड़े निर्देश जारी किए जाएंगे कि तैनाती स्थल पर ही रात्रि विश्राम करें, जांच में गायब मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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