कालाबाजारी से खाद-बीज का संकट गहराया
तराई के इस जनपद में कालाबाजारी से खाद-बीज का संकट गहराता जा रहा है। प्रतिदिन विभिन्न साधनों से खाद-बीज चोरी-छिपे नेपाल भेजे जा रहे हैं। दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश का फायदा मुनाफाखोर उठा रहे हैं और सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार कार्रवाई से कतरा रहे हैं।
महराजगंज : तराई के इस जनपद में कालाबाजारी से खाद-बीज का संकट गहराता जा रहा है। प्रतिदिन विभिन्न साधनों से खाद-बीज चोरी-छिपे नेपाल भेजे जा रहे हैं। दीपावली पर सार्वजनिक अवकाश का फायदा मुनाफाखोर उठा रहे हैं और सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार कार्रवाई से कतरा रहे हैं। खाद-बीज के संकट से परेशान किसान साधन सहकारी समितियों, राजकीय कृषि बीज भंडारों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं और अधिक कीमत देकर बाजार से मिलावटी खाद-बीज खरीद रहे हैं। खाद्यान्न के मामले में जिले को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन ने दो लाख हेक्टेअर में गेहूं की बोआई के लिए 61000 क्विंटल बीज की मांग के सापेक्ष कृषि विभाग को 14040 व दुकानों को 45000 क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध कराएं हैं। शासन के बीज उपलब्ध कराए जाने के बाद भी राजकीय कृषि बीज भंडारों व दुकानों से प्रामाणिक बीज न मिलना और किसानों का निराश लौटना व्यवस्था के प्रति सवाल खड़े करता है? बाजारों में मिलावटी बीज कहां से आए? मिलावटी बीज भेजने वाले मुनाफाखोरों के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है? कमावेश यही स्थिति खाद की भी है और कालाबाजारी के कारण खाद का संकट उत्पन्न हो गया है। इस संकट का फायद उठा कर मुनाफाखोर व जालसाज मिलावटी डीएपी बेच रहे हैं। बोरी इफको की पर अंदर भरी डीएपी मिलावटी व अमानक। डा राजेश कुमार, उप कृषि निदेशक ने कहाकि जिले में प्रामाणिक बीज का पर्याप्त भंडार है। कृषि विभाग के 12 राजकीय कृषि बीज भंडारों पर तराई बीज विकास निगम के 14040 क्विंटल एवं प्राइवेट दुकानों पर 45000 क्विंटल गेहूं बीज उपलब्ध करा दिए गए हैं। शासन ने 3280 रुपये प्रति क्विंटल बीज की कीमत निर्धारित की है। इसी दर पर किसान बीज खरीदें। सरकारी व प्राइवेट बीज भंडारों पर अधिक कीमत लेने वालों के खिलाफ किसान लिखित शिकायत करेंगे तो त्वरित कार्रवाई की जाएगी। सोमवार से खाद-बीज की दुकानों व भंडारों की जांच कराई जाएगी। अमानक खाद-बीज बेचने वालों के खिलाफ केस दर्ज कराया जाएगा और लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा।