एक चिकित्सक के भरोसे चार पशु अस्पतालों का जिम्मा
योगी सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में शुमार पशु पालन की व्यवस्था मिठौरा क्षेत्र में रामभरोसे ही चल रही है। आए दिन यह अस्पताल बंद ही रहता है , लेकिन विभाग को इसकी तनिक भी फिकर नहीं है।
महराजगंज: योगी सरकार के महत्वपूर्ण विभागों में शुमार पशु पालन की व्यवस्था मिठौरा क्षेत्र में रामभरोसे ही चल रही है। आए दिन यह अस्पताल बंद ही रहता है , लेकिन विभाग को इसकी तनिक भी फिकर नहीं है। लिहाजा मिठौरा ब्लाक क्षेत्र के पशु पालकों को सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं से महरूम पड़ रही है। एक चिकित्सक के जिम्मे चार अस्पताल है। ऐसे में व्यवस्था पर ही लोग सवाल उठान लगे हैं । जिसको लेकर लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। मिठौरा ब्लाक क्षेत्र के पशु पालकों को अपने पशुओं के इलाज से लेकर अन्य योजनाओं का लाभ लेने के लिए विभाग द्वारा स्थापित जगदौर में पशु चिकित्सालय पर काफी मशक्कत करनी पड़ती है, कई कई दिनों तक दौड़ लगाने के बाद भी वहां तैनात डाक्टर, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारियों के दर्शन दुर्लभ हो गए है। मिठौरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत देउरवा निवासी मुन्ना, धुपई, रामसूरत व अमर ने बताया कि कर्मचारी अधिकांश अस्पताल पर नहीं मिलते हैं लिहाजा हमें पशुओं के इलाज कराने में खासी दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है। जहां एक तरफ सरकार पशुओं को बचाने को लेकर काफी संजीदा दिख रही है । कर्मचारियों की कमी उसकी मंशा पर पानी फेर रही है। वहीं ग्राम पिपरियां गुरु गो¨वद राय निवासी इंदर ने बताया कि दो दिनों से अपनी बकरी का ईलाज कराने के लिए आ रहा हूं, लेकिन चिकित्सक व फार्मासिस्ट कोई आता ही नहीं हैं। पशु चिकित्सालय मिठौरा की इस दुर्व्यवस्था के चलते क्षेत्रीय पशुपालकों में काफी आक्रोश देखने को मिल रहा है। लोगों का कहना है कि यह तो सिर्फ नाम का अस्पताल रह गया है, यहां से सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी पशु पालकों को नहीं मिल पाती है और न ही समय से पशुओं का इलाज होता हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी राजीव उपाध्याय ने कहा कि पशु चिकित्सकों की कमी होने के कारण एक चिकित्सक पर अतिरिक्त अस्पतालों का चार्ज है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है।