फागिग बेअसर, बढ़ रहा मच्छरों का प्रकोप
एक समय था जब ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर-घर मछर रोधी दवाओं का छिड़काव होता था। छिड़काव से जहां मछरों का प्रकोप कम हो जाता था वहीं आमजन को मुश्किलें। वर्तमान समय में फागिग न होने से मछरों का प्रकोप नगर क्षेत्र में बढ़ रहा है तथा जिम्मेदार मौन हैं।
महराजगंज:एक समय था जब ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घर-घर मच्छर रोधी दवाओं का छिड़काव होता था। छिड़काव से जहां मच्छरों का प्रकोप कम हो जाता था वहीं आमजन को मुश्किलें। वर्तमान समय में फागिग न होने से मच्छरों का प्रकोप नगर क्षेत्र में बढ़ रहा है तथा जिम्मेदार मौन हैं।
मच्छरों से बचने के लिए आमजन द्वारा तरह तरह-तरह का प्रयोग भी किया जा रहा है लेकिन मच्छरों से छुटकारा नहीं मिल पा रहा। मच्छरों के प्रकोप के बढ़ने से लोगों में बीमारी का भय भी बना हुआ है। नगरवासी अंकुर सिंह, ज्ञान यादव, रामदास यादव, सुनील मद्धेशिया, रमेश जायसवाल, निर्मला देवी, रितु जायसवाल, ममता श्रीवास्तव, अभिषेक कुमार आदि ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व ठेला रिक्शा से एक फॉगिग मशीन को पूरे नगर में घुमाया जाता था, जिससे निकलने वाला धुंआ घर के आसपास मच्छरों को पनपने से रोकता था, वर्तमान व्यवस्था में जो फागिग हो रही है उसका कोई असर नहीं दिख रहा है। अधिशासी अधिकारी बीरेंद्र कुमार राव ने बताया कि मच्छरों के प्रकोप को कम करने के लिए फागिग होती है। नियमित रूप से फागिग कराने पर जोर होगा।