फिनो पेमेंट बैंक के खिलाफ कार्रवाई की मांग, सौंपा ज्ञापन
जिलाधिकारी कार्यालय पर अपनी बात लेकर पहुंची सदर ब्लाक की बीसी सखी कुसुम दूबे जय अंबे शीला व रुचि पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बीसी सखी योजना के अनुसार समूह की महिलाओं को ग्रामीण इलाकों में लोगों को कैश सेंटर चलाने की योजना थी।
महराजगंज: बैंकिंग कारेस्पान्डेंट सखी (बीसी सखी) के तहत समूह की महिलाओं को बैंक से जोड़कर उन्हें रोजगार दिए जाने के मामले में गोलमाल का मामला प्रकाश में आया है। आरोप है कि जो डिवाइस मार्केट में मात्र सात से 10 हजार रुपये में उपलब्ध है, उसका फिनो पेमेंट बैंक ने 37760 रुपये लिया। इसको लेकर बुधवार को समूह की महिलाओं ने जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन प्रशासनिक अधिकारी को सौंपकर कार्रवाई की मांग की।
जिलाधिकारी कार्यालय पर अपनी बात लेकर पहुंची सदर ब्लाक की बीसी सखी कुसुम दूबे, जय अंबे, शीला व रुचि पांडेय ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत बीसी सखी योजना के अनुसार समूह की महिलाओं को ग्रामीण इलाकों में लोगों को कैश सेंटर चलाने की योजना थी। योजना के तहत समूह की महिलाओं को कैश सेंटर चलाने के लिए सरकार की ओर से चार फीसद वार्षिक ब्याज पर 75 हजार रुपये का ऋण मिला है। इसमें जिले की कुल 259 समूहों ने बीसी सखी योजना के तहत पंजीकृत हुई हैं। आरोप है कि जो मशीन मार्केट में सात से 10 हजार रुपये में मिल रही है, उसके लिए फिनो पेमेंट बैंक 37760 रुपये लिए जा रहे हैं। पक्की रसीद मांगने पर कोई जवाब नहीं है। शाहिना खातून, रीना देवी, शीला देवी, मीना, रीना पासवान, संगीता पटेल, प्रतिमा, सुमन, मनीषा, शकुंतला आदि मौजूद रहीं। 11वें दिन भी अधिवक्ताओं ने दिया धरना
महराजगंज: नौतनवा में राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं का धरना-प्रदर्शन बुधवार को 11वें दिन भी जारी रहा, जिसमें तहसीलदार के विरोध में नारेबाजी और स्थानांतरण की मांग की गई। अध्यक्ष ने कहा कि 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अधिवक्ता धरने पर बैठे हैं और तहसीलदार कोर्ट का बहिष्कार किया गया है। लेकिन अब तक कोई सार्थक निर्णय नहीं लिया गया, जिससे दिन प्रतिदिन आक्रोश बढ़ता जा रहा है। सचिव राजेश कुमार चौधरी ने कहा कि अधिवक्ता अपनी जायज मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन को बाध्य हुए हैं। जिसमें फरियादी के भी मामले के निस्तारण को रखा गया है, लेकिन तहसीलदार के मनमाने रवैये से सभी लोग परेशान हैं। इसलिए जब तक मांगों का संतुष्ट निवारण नहीं किया जाता है, अधिवक्ता न्यायिक कार्य से विरत रहेंगे। पूर्व अध्यक्ष साधु शरण मिश्र, राजेश कुमार श्रीवास्तव, लल्लन अंसारी, ज्ञानेंद्र त्रिपाठी, सुरेंद्र सिंह, अमित कुमार, राजेश श्रीवास्तव, तरुण श्रीवास्तव, सूर्यनाथ सिंह, चंद्र कुमार वर्मा, शमशुद्दीन, शत्रुघ्न आदि उपस्थित रहे।