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फीकी रह सकती है 6028 रसोइयों की दीपावली

जिले के परिषदीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए भोजन बनाने वाली रसोइयों की दीपावली इस बार फीकी रहने की उम्मीद है। जिले भर में कार्यरत कुल 6028 रसोइयों का मानदेय अगस्त माह से ही बाकी है। उन्हें उम्मीद थी कि तीन माह का मानदेय मिलेगा तो उनकी दीपावली भी बेहतर ढंग से मनेगी मगर विभाग के पास धनराशि के उपलब्ध न होने से समस्या बढ़ गई है। प्रतिमाह महज एक हजार रुपये मानदेय में परिषदीय विद्यालयों में भोजन बनाने का जिम्मा संभालने वाली रसोईयों को दो से लेकर तीन माह तक का मानदेय एक ही बार जारी किया जाता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 30 Oct 2018 11:50 PM (IST)Updated: Tue, 30 Oct 2018 11:50 PM (IST)
फीकी रह सकती है 6028 रसोइयों की दीपावली
फीकी रह सकती है 6028 रसोइयों की दीपावली

जागरण संवाददाता, महराजगंज:

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जिले के परिषदीय व सहायता प्राप्त विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए भोजन बनाने वाली रसोइयों की दीपावली इस बार फीकी रहने की उम्मीद है। जिले भर में कार्यरत कुल 6028 रसोइयों का मानदेय अगस्त माह से ही बाकी है। उन्हें उम्मीद थी कि तीन माह का मानदेय मिलेगा तो उनकी दीपावली भी बेहतर ढंग से मनेगी मगर विभाग के पास धनराशि के उपलब्ध न होने से समस्या बढ़ गई है। प्रतिमाह महज एक हजार रुपये मानदेय में परिषदीय विद्यालयों में भोजन बनाने का जिम्मा संभालने वाली रसोईयों को दो से लेकर तीन माह तक का मानदेय एक ही बार जारी किया जाता है। जिले में तैनात रसोईयों का मानदेय अगस्त से ही लंबित है, विभाग को उम्मीद थी कि धनराशि आने के बाद वे रसोइयों के मानदेय का भुगतान कर देंगे। अगस्त व सितंबर के बाद अक्टूबर माह भी बीतने को है मगर जिम्मेदारों की शिथिलता से अब तक धनराशि नहीं मिल पाई है। धनराशि की उपलब्धता न होने से इस बात की संभावना बढ़ गई है रसोइयों की दीपावली फीकी रहेगी। शासन ने यदि इस मामले में दो दिन में धनराशि जारी कर दिया तो तब तो रसोइयों को राहत मिल पाएगी अन्यथा उन्हें अपना पर्व मनाने के लिए दूसरों के रहमों करम पर आश्रित रहना होगा।

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प्राथमिक के 4271 व जूनियर के 1757 रसोइयों को मानदेय का इंतजार

परिषदीय व सहायता प्राप्त प्राथमिक व जूनियर स्कूलों में कार्यरत रसोइयों को मानदेय का इंतजार है। प्राथमिक स्तर के 1523 विद्यालयों में 4271 तथा जूनियर स्तर के 759 विद्यालयों में 1757 रसोइयों को अब भी उम्मीद है कि उनका मानदेय मिलेगा। मगर जिम्मेदारों की लापरवाही उनकी खुशियों पर भारी पड़ सकती है।

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धन न होने से आ रही समस्या: डीसी एमडीएम

मध्यान्ह भोजन के जिला समन्वयक शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि रसोइयों के मानदेय के लिए धनराशि नहीं है। शासन स्तर से धनराशि की मांग की गई है, मिलने के बाद ही उसे खाते में प्रेषित किए जाने के संबंध में कार्यवाही प्रारंभ होगी।


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