सीमावर्ती इलाकों में बेखौफ हो रही सामानों की तस्करी
जागरण संवाददाता, परसामलिक, महराजगंज: भारत-नेपाल की खुली सीमा पर कड़ी चौकसी के बावजूद चोरी छुपे लाखों
जागरण संवाददाता, परसामलिक, महराजगंज: भारत-नेपाल की खुली सीमा पर कड़ी चौकसी के बावजूद चोरी छुपे लाखों रुपये के अवैध सामानों की आवाजाही जारी है। आलम यह है कि तस्कर मादक पदार्थों के अलावा साखू की लकड़ी, उर्वरक, खाद्यान्न, रेडिमेड कपड़ों के बंडल आदि सामानों को सरहद पार भेजकर मालामाल हो रहे हैं। यही कारण है कि शाम ढलते ही बार्डर के समीप बसे गांवों में तस्करों की गतिविधियां काफी तेज हो जाती हैं। सरहद की सुरक्षा को नजरअंदाज कर पेशेवर तस्करों ने बार्डर के दोनों तरफ अपना एक मजबूत नेटवर्क तैयार कर लिया है। इसमे दोनों देशों के दर्जनों की संख्या में तस्कर शामिल हैं। आलम यह है कि हर दिन पिकअप, बैलगाड़ी आदि वाहनों में भरकर जंगल से कटे साखू के बोटे, उर्वरक, खाद्यान्न सहित अन्य सामानों को नौमेंस लैंड के करीब बसे गांवों में कुछ सुरक्षित स्थानों पर जमा कर दिया जाता है और मौका देखकर उसे साइकिल कैरियरों के माध्यम से धीरे-धीरे सरहद पार पहुंचा दिया जाता है। बावजूद इसके तस्करों की अवैध गतिविधियों पर कड़ाई से नकेल लगाने के नाम पर प्रशासनिक अमला पूरी तरह से अक्षम साबित हो रहा है। हालत यह है कि तस्करों की बेरोक टोक आवाजाही से न केवल गांवों का माहौल दिन व दिन खराब हो रहा है, बल्कि बहुत से युवा पढ़ने-लिखने की उम्र में चंद पैसे के लालच में तस्कर गिरोहों का कैरियर बन अपनी ¨जदगी को तबाह करने पर अमादा हैं। मौजूदा समय में परसामलिक थाना क्षेत्र के रेहरा, अहिरौली, शिवतरी, मर्यादपुर नाका, पहाड़ी टोला, परसा, पड़ौली, ¨झगटी आदि नाकों से तस्कर अवैध तरीके से सामनों की खेप को बार्डर पार पहुंचाने में जुटे हुए हैं। ठीक यही हाल सोनौली कोतवाली क्षेत्र के भगवानपुर गांव का भी है। यहां नियम-कानून को ताख पर रखकर नौमेंस लैंड के समीप खुली दर्जनों दुकानों से बाहर से लाए गए सामानों को रखा जाता है और मौका देख आसानी से सरहद पार पहुंचा दिया जाता है। पुलिस क्षेत्राधिकारी धर्मेंद्र कुमार यादव का कहना है कि सरहद के नजदीक होने वाली किसी भी गतिविधि पर पुलिस की पैनी नजर है, इसमे किसी तरह की लापरवाही क्षम्य नहीं है।