सोहगीबरवा जंगल में दिखा संरक्षित वन्यजीव गौर
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में विचरण कर रहे दुर्लभ वन्यजीवों का संसार दिन प्रतिदिन लोगों के सामने आ रहा है। जंगल में लगे ट्रै¨पग कैमरे द्वारा ली गई तस्वीर में एक गौर पशु भी कैद हुआ है। गौर दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा गोवंशीय पशु है। सामान्य: पशुओं से यह बड़ा होता है। पालतू गौर को गायल या मिथुन कहते हैं। गौर समान्य तौर पर दक्षिण भारत की पहाड़ियों और असम में पाया जाता है।
महराजगंज: सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में विचरण कर रहे दुर्लभ वन्यजीवों का संसार दिन प्रतिदिन लोगों के सामने आ रहा है। जंगल में लगे ट्रै¨पग कैमरे द्वारा ली गई तस्वीर में एक गौर पशु भी कैद हुआ है। गौर दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा गोवंशीय पशु है। सामान्य: पशुओं से यह बड़ा होता है। पालतू गौर को गायल या मिथुन कहते हैं। गौर समान्य तौर पर दक्षिण भारत की पहाड़ियों और असम में पाया जाता है। इसका वजन 450 से 1200 किग्रा के बीच होता है। मिथुन राशि के प्रतीक इस विशालकाय शाकाहारी जीव का शिकार सिर्फ बाघ ही कर पाते हैं। सोहगीबरवा के शिवपुर रेंज में विशालकाय गौर की मौजूदगी को शुभ संकेत माना जा रहा है। डीएफओ मनीष ¨सह के मुताबिक उत्तर प्रदेश के किसी भी अन्य वन्यजीव प्रभाग में फिलहाल गौर की मौजूदगी अभी पुष्ट नहीं है। ऐसे में सोहगीबरवा में इस पशु का मिलना महत्वपूर्ण है। गौर पशु नेपाल के चितवन नेशनल पार्क व बिहार के बाल्मीकिनगर टाइगर रिजर्व फारेस्ट में पाया जाता है। ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सोहगीबरवा से सटे इन जंगलों से ही गौर विचरण करते हुए शिवपुर रेंज में पहुंचा है। अब वनकर्मियों का यह प्रयास होगा कि गौर को जंगल में रहने के लिए बेहतर वातावरण उपलब्ध कराया जाए। जिससे यह संरक्षित पशु स्थायी रूप से क्षेत्र में विचरण करता रहे।
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फि¨शग कैट भी कर रही विचरण:
सोहगीबरवा के शिवपुर रेंज में फि¨शग कैट भी विचरण कर रही है। नदियों व तालाबों में पानी के अंदर से शिकार करने वाली फि¨शग कैट संरक्षित वन्य जीवों की श्रेणी में आती है।
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कैमरे में कैद हो चुका हैं बाघ, लेपर्ड कैट व तेंदुआ:
ट्रै¨पग कैमरे में अब तक जो डाटा चेक किया गया है, सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के विभिन्न रेंजों में बाघ, लेपर्ड कैट व तेंदुआ जैसे जानवर जंगल में चहलकदमी करते हुए कैमरे में कैद हुए हैं। बड़ी संख्या में बाघों की फोटो कैमरे में कैद होने से वन्य जीव प्रभाग को टाइगर रिजर्व फारेस्ट बनाने का दावा मजबूत हुआ है।
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14 अक्टूबर को लगाए गए थे ट्रै¨पग कैमरे:
सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के सात रेंजों में पिछले 14 अक्टूबर को 72 ट्रै¨पग कैमरे लगाए गए थे। सभी कैमरों को एक माह चार दिन बाद निकाल लिया गया। अब वन विभाग के अधिकारी इन कैमरों का डाटा खंगाल रहे हैं , तो बहुत से वन्य जीवों की तस्वीरें सामने आ रहीं हैं।
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लेपर्ड कैट के बाद गौर और फि¨शग कैट मिलना सोहगीबरवा जंगल के लिए शुभ संकेत है। सभी जानवर जंगल की संपूर्णता के प्रतीक हैं। वन्य जीव प्रभाग को टाइगर रिजर्व फारेस्ट बनाने का दावा भी मजबूत हुआ है।
मनीष ¨सह
डीएफओ, सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग